*दीपावली में कब पूजा करें*
*दीपावली में कब पूजा करें*
शशिकांत जी महाराज
संतोष चौरसिया
अनूपपुर लक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न मे करना चाहिए केंद्र त्रिकोण मे शुभ गृह हो स्थिर लग्ने वृष सिंह वृश्चिक कुंभ राशि होती है लक्ष्मी पूजन के करते समय की मे कुंडली मे केन्द या त्रिकोण मे शुभ गृह त्रिक भावो मे क्रूर गृह हो तो अति उत्तम रहता है मेष कर्क मकर तुला राशि चर राशि होती है मिथुन कन्या धनु मीन द्रुस्वभाव राशि होती है हर लग्न लगभग दो घंटे की होती है चर का मतलब चलते रहना इसलिए फैक्ट्री दुकानो मे चर लग्न मे उद्घाटन होता है स्थिर का मतलब ठहराव इसलिए लक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न मे की जाती है दुष्भाव का मतलब खुद का कोई स्वभाव नही है एक घंटे पहले की लग्न का स्वभाव और एक घंटा बाद के लग्न का स्वभाव होता है इस वर्ष वृष राशि पर राहू वृश्चिक राशि पर राहू तो शाम का पूजन मिथुन लग्न के पहले घंटे मे करे तो बेहतर होगा केन्द मे सप्तम भाव धनु गुरु और पंचम भाव मे चंद्र बुध सूर्य रहेगे दशम भाव दिग्बल होकर मंगल होगे अष्टम भाव अष्टमेश और भाग्येश शनि आकस्मिक लाभ के अवसर उपलब्ध कराएंगे चौघडियो को देखकर पूजा करे दिल्ली मे मिथुन लग्न शाम 7बजकर 10 मिनट से 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी अब चौघडिया उद्धेग 7 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 46 मिनट रहेगा जो शुभ नही है लक्ष्मी पूजन का समय रहेगा 8 बजकर 46 मिनट से 9 बजकर 22 मिनट इस अवधि मे पूजन करे हर समय का अपना अपना समय होता है इसलिए मिथुन लग्न और चौघडिया से समय देखकर करे
*आचार्य शशिकान्त जी महाराज 9981601117*