अनूपपुर

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 49.98 करोड़ की लागत से किया जाएगा अमरकंटक का कायाकल्प

दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु ‘‘प्रसाद’’ योजनान्तर्गत अमरकंटक में सुविधाओं का किया जाएगा विकास

अनूपपुर। भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। योजनांतर्गत आकल्पित विकास कार्यों में क्षेत्र के सौंदर्यिकरण, संरक्षण, संवर्धन एवं पर्यटन विकास के कार्यों को समाहित किया गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल द्वारा विगत वर्ष अमरकंटक में स्थानीय प्रशासन, साधु, संतो, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में क्षेत्र की क्षमतानुरूप समग्र विकास हेतु विभिन्न प्रयासों के सम्बंध में गहन विमर्श किया गया था। जिसके अनुक्रम में अमरकंटक के विकास हेतु वृहद कार्ययोजना तैयार की गयी है। उक्त विकास कार्यों को 2 वर्ष की अवधि में अमलीजामा पहनाया जाएगा। उक्त कार्यों का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा किया जाएगा। प्रमुख सचिव/ सचिव मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग उक्त कार्यों के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए नोडल अधिकारी रहेंगे।
4.12 करोड़ की लागत से किए जाएँगे विकास कार्य
प्रसाद योजनांतर्गत माँ नर्मदा उद्गम मंदिर में 4.12 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यिकरण, संरक्षण एवं दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु कार्य किए जाएँगे। कुंड के जल शुद्धिकरण हेतु 38.23 लाख लागत का फिल्टर प्लांट एवं ग्रैविटी फिल्टर बेड, 12.11 लाख रुपए की सोलर पैनल इन्स्टालेशन का कार्य किया जाएगा। माँ नर्मदा उद्गम मंदिर एवं पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित कल्चुरी मंदिर परिसर में 1 करोड़ 62 लाख की लागत से मंदिर को मोनोक्रोमैटिक लाइटिंग से सुसज्जित करने का कार्य किया जाएगा। परिक्रमा वासियों हेतु 55.33 लाख की लागत से किचन एवं भोजन परिसर व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त लैंडस्केपिंग, प्रवेश द्वार एवं परिसर के सौंदर्यिकरण के कार्य किए जाएँगे।
17 करोड़ 72 लाख की लागत से किया जाएगा
इंद्रदमन ताल में 1 करोड़ 11 लाख की लागत से सौंदर्यिकरण का कार्य किया जाएगा। माँ नर्मदा के उद्गम दक्षिणी तट में 16 करोड़ 11 लाख की लागत से लैंडस्केपिंग, उद्यान विकास, डेकोरेटिव पोस्ट लाइटिंग, चेन लिंक फेंसिंग, पाथवे, कार्व्ड स्टोरी पैनल, सीसीटीवी, जनसुविधाएँ टॉयलेट ब्लॉक, कपड़े बदलने हेतु कीयोस्क, वाहन पार्किंग क्षेत्र, स्टोन बेंच आदि का कार्य किया जाएगा। उक्त कार्यों में माँ नर्मदा पर 7 करोड़ 81 लाख की लागत से पदयात्री पुल का निर्माण कार्य शामिल है।
8 करोड़ की लागत से मेला ग्राउन्ड का किया जाएगा विकास
धार्मिक तीर्थयात्रियों की बढ़ती हुई संख्या को दृष्टिगत रखते हुए विशाल कथा आयोजनो हेतु 1 करोड़ 32 लाख की लागत से 1290 वर्ग मीटर क्षेत्र में विशाल कथा मंडप विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही आंतरिक पैदल पथ, हाई मास्ट एवं डेकोरेटिव लाइटिंग, फेंसिंग, उद्यान, प्रशासनिक भवन, सीसीटीवी, प्रवेश द्वार, जन सुविधाओं सहित कुल 7 करोड़ 99 लाख 81 हजार की लागत से विकास कार्य किए जाएँगे।
2 करोड़ 14 लाख की लागत से बनेगा टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर
आगंतुक पर्यटकों की सुविधा हेतु 2 करोड़ 14 लाख की लागत से अमरकंटक में टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा। जिसमें ऑडीओ विजूअल हाल, लैंडस्केपिंग, डेकोरेटिव बेंच एवं आंतरिक रोड सहित अन्य सम्बंधित कार्य शामिल हैं।
माई की बगिया, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा का सौंदर्यिकरण कर बनाया जाएगा आकर्षक
माई की बगिया, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यिकरण का कार्य किया जाकर उन्हें और आकर्षक बनाया जाएगा। इनमें सम्बंधित स्थलों से सम्बंधित किवंदितियों को आकर्षक पैनल के माध्यम से प्रदर्शित करना, लैंडस्केपिंग, डेकोरेटिव लाइटिंग, स्टोन बेंच, सोलर पैनल, पाथवे, विश्राम गृह, पार्किंग क्षेत्र, पेय जल सुविधा एवं अन्य जन सुविधाएँ शामिल हैं। सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में पर्यटकों के आकर्षण हेतु 75 लाख रुपए की लागत से कैंटिलीवर ग्लास ब्रिज का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही अमरकंटक क्षेत्र में जनसुविधाओं, पैदल पथों, आंतरिक मार्गों, इनफॉर्मेशन साइनेज, बस स्टैंड में जन सुविधाओं के विकास सहित क्षेत्र के सौंदर्यिकरण हेतु योजनांतर्गत विभिन्न विकास कार्य किए जाने हैं।
तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) राष्ट्रीय मिशन का संक्षिप्त विवरण
तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था। यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय रूप से वित्त पोषित है। यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर के तीर्थ स्थलों की पहचान और विकास पर केंद्रित है। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान कराना और साथ ही प्राथमिकता वाले और स्थायी तरीके से तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है। प्रसाद योजना का उद्देश्य स्थायी रूप से पर्यटन आकर्षण, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है ताकि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसका प्रत्यक्ष और बहुमुखी प्रभाव पड़े। इस प्रयास के माध्यम से स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि को बढ़ावा देने, धार्मिक स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करने का कार्य किया जाता है। तीर्थस्थलों के विकास के लिए कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और प्रो-पुअर-टूरिज्म कांसेप्ट की अवधारणा पर कार्य किए जाते हैं। लक्ष्यों में पब्लिक कैपिटल से लाभ प्राप्त करना,आय के स्रोतों में वृद्धि करना, समग्र विकास के लिए क्षेत्र में पर्यटन के महत्व के बारे में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना शामिल है।

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