अनूपपुर

चहेतों को लाभ दिलाने निरस्त किए जा रहे हैं टेंडर,कलम के दम पर एक ही कार्यों कि निकाली जा रही दो बार निविदा

रिपोर्टर समर बहादुर सिंह

राजनगर। एसईसीएल हसदेव क्षेत्र का माइनिंग विभाग इस समय अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में बना हुआ है जहां चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए एक ही कार्यों के दो बार निविदा निकाली जा रही है जिस कार्यों के एलओआई हो चुकी है उसको निरस्त कर दोबारा टेंडर निकाला जा रहा है जिसके पीछे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना बताया जा रहा है बताया जाता है कि हसदेव मुख्यालय मैं एग्रीड लिस्ट में पदस्थ एक अधिकारी द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए इस प्रकार की कूट रचना की जा रही है जिससे यह अपने चहेतों को काम दे सके इसके लिए पहले तो इनके द्वारा कंपनी के आदेश के विपरीत टेंडर किया जा रहा है और यदि उसके बावजूद भी इनके चहेतों को काम नहीं मिल पा रहा है तो वह उस टेंडर को ही निरस्त कर दे रहा है जो जांच का विषय है कि यदि उस काम की जरूरत नहीं थी तो टेंडर क्यों करवाया गया क्योंकि किसी भी टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने में महीनों लग जाते हैं जिसमें श्रम शक्ति का नुकसान होता है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार माइनिंग विभाग अपने चहेतों को लाभ देने के लिए कुछ भी कर गुजरने की क्षमता रखता है और इनकी जांच की जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है बताया जाता है विभाग द्वारा 8 फरवरी 2021 को टेंडर निकाला जाता है जिसका एनआईटी नंबर AGM/HSD/ATO/e-tender/20-21/168 जिसकी राशि 7934860 है वही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए कागजी कूट रचना करते हुए पुनः उसी कार्य का 10 फरवरी को टेंडर किया जाता है जिसका इन आईटी नंबर AGM/HSD/ATO/e-Tender/20-21/171  दोनों निविदाओं में नेम ऑफ वर्क एक है, उक्त कार्य में खर्च की जाने वाली राशि तथा क्वांटिटी सभी एक है अंतर है तो बस दिनांक एवं टेंडर नंबर का जिसके आधार पर करोड़ों का भ्रष्टाचार करने के लिए इस प्रकार की निविदा निकाली गई है। वही दूसरी तरफ विभाग द्वारा जिस कार्य का 12-01-2021 को secl/hsd/AGM/ATO/loi/20-21/3542-51 के माध्यम से 12 जनवरी 2021 एलओआई जारी किया जाता है उसी कार्य का पुनः टेंडर निकाला जाता है जिसका एनआईटी नंबर  AGM/hsd/ATO /ATO/e-tender/20-21/192 11 फरवरी 2021 जिसकी राशि एक करोड़ 32 लाख 11, हजार 278 दर्शाई गई है कुल मिलाकर माइनिंग विभाग इस समय भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है जिसकी जांच की जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। बताया जाता है मुख्यालय मैं बैठे एगरीड लिस्ट में पदस्थ अधिकारी द्वारा पूर्व में सारे कार्य को देखा जाता था कमेटी काऔर आज भी इन्हीं के द्वारा देखा जा रहा है भले ही हस्ताक्षर कोई और करता है और विभाग के द्वारा कागजों की जांच की जाए तो कई ऐसे पत्र मिल सकते हैं जिनमें राइटिंग एगरीड लिस्ट में बैठे अधिकारी की और हस्ताक्षर किसी और का इनके द्वारा जारी किए गए स्टीमेट एवं टेंडर प्रक्रिया की पिछले तीन वर्षों की सूक्ष्मता से जांच कराई जाए तो कई सारे तथ्य सामने आ सकते हैं और करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। बताया जाता है कि उक्त अधिकारी द्वारा कलम में ताकत है कह कर ठेकेदारों को धमकाया जाता है जो अब दिखने लगा है जहां इनके पसंदीदा लोगों के विपरीत लोगों को कार्य मिल जाने के बाद भी यह कह कर टेंडर निरस्त किया जा रहा है की उक्त कार्य की आवश्यकता नहीं है जो प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई होना आवश्यक है। इस संबंध में टेंडर प्रक्रिया देखने वाले ए टी ओ हसदेव क्षेत्र नारायण दास से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे बात नहीं हो सकी

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