
राजनगर। प्रथम चरण का 21 दिवसीय लाॅकडाउन समाप्त हो गया है और 19 दिन का दूसरे क्रम का लाक डाउन प्रारंभ हो गया है और बीपीएल कार्ड धारियों को छोड़ दिया जाए तो शासन-प्रशासन कि कोई भी योजना गरीबों तक राजनगर कोयलांचल तक नहीं पहुंच पाई हैं जबकि राजनगर कोयलांचल अंतर्गत तीन बड़ी पंचायत आती हैं, जहां तकरीब 35 हजार रूपये के आसपास जनता निवास करती है, जहां कालरी कर्मचारी को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश जनता मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करती है जिनके लिए शासन ने तमाम योजनाएं लागू की। जिसमें अनाज प्रदान करने से लेकर राशि देने का प्रावधान है। वही किन-किन मजदूरों को दिया जाएगा ऐसे 25 श्रेणियों में मजदूरों को बांटा गया है, लेकिन शासन-प्रषासन के द्वारा गंभीरता से गरीबों की सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। बताया जाता है कि क्षेत्र में यदि समाज सेवी संस्थाएं एवं अन्य लोगों द्वारा गरीबों तक अनाज एवं भोजन नहीं पहुंचा जाता तो यहां के गरीब भूखो मरने की की कगार पर होते क्षेत्र के गरीबों ने बताया कि शासन द्वारा बीपीएल कार्ड कार्ड धारियों के अलावा भी गरीब मजदूरों को राशन देने की बात कहीं जा रही है, किंतु उन्हें आज तक प्रदान नहीं हुआ है। शासन ने सभी दुकानें बंद करने का आदेश दिया है, किंतु शासकीय उचित मूल्य की दुकान को सुबह 10 बजे से 5 बजे तक खोलने का आदेश दिया गया है, किंतु यह दुकान आयेदिन बंद रहती है और जब हम किसी आस के साथ शासकीय दुकान पहुंचते हैं कि शासन ने हमारे लिए भी अनाज भेजा होगा तो दुकानों में ताला देकर हमें काफी मायूसी होती है अब स्थिति यह है कि हम भूखे मरने की कगार पर हैं और हमें तत्काल राशन नहीं मिला तो हम कोरोना से मरे मरे या न ना मरे हम भूख से दम तोड़ देंगे वही बीपीएल कार्ड धारियों का कहना है कि हमें शासन ने गेहूं और चावल तो प्रदान कर दिया है, किंतु क्या हम गेहूं चावल सूखे खाएंगे कुल मिलाकर शासन की योजनाएं गरीबों तक पहुंचने में दम तोड़ती नजर आ रही हैं। जिस पर जिला प्रशासन को ध्यान देना होगा नहीं तो आने वाले समय में कोयलांचल क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति काफी देनी हो सकती है।