अनूपपुर

कोयला कामगारों को वैक्सीन में नही मिली प्राथमिकता: अख्तर जावेद

  एचएमएस के उप महासचिव ने एसईसीएल प्रबंधन से कदम उठाने कहा

राजनगगर कालरी। कोयला मजदूरों को फ्रंट लाइन वारियर्स का दर्जा देना तो दूर वैक्सीनेशन में भी प्राथमिकता नही दी गई, जबकि बिजली और कोयले के बिना सारी व्यवस्था ठप हो जाएगी। यह बात हिंद मजदूर सभी के उप महासचिव अख्तर जावेद उस्मानी ने कही। उस्मानी ने कहा कि एसईसीएल के सेंट्रल हाॅस्पिटल में 10 प्रतिशत मैन पावर का भी वैक्सीनेशन नहीं हो सका है। रोजना ही काॅलरी कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। इस खतरे के बावजूद कर्मचारियों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कोयला खदान में उत्पादन चालू रखने की अनुमति तो देती है लेकिन श्रमिक और उनके परिवार के सदस्यों के संक्रमित होने की जानकारी काॅलरी प्रबंधन को नहीं दे रही है। ऐसे में परिवार के सदस्यों के संक्रमित होने के बावजूद कई श्रमिक ड्यूटी पर जा रहे हैं। खदानों में हर शिप्ट में 100 से अधिक श्रमिक आ रहें हैं। वहीं खदानों में ठेकेदार सप्लायर, ट्रांसपोर्टस, लोकल सेल ड्राइवरों को बेरोक टोक आना-जाना लगा रहता है। क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय में भी सैकड़ो कर्मचारियों की उपस्थिति होती है। ऐसे में यहां सामाजिक दूरी रखना संभव नही हो रहा है। कार्यस्थलों पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था नहीं है,कार्य स्थलों को सैनिटाइज तक नही किया जा रहा है। दूसरी ओर कोयला मंत्री की घोषणा के बावजूद अब तक कोरोना से निधन के बावजूद किसी भी कोयला मजदूर को 15 लाख का मुआवजा एसईसीएल नहीं दे सकी है। श्रमिक प्रतिनिधि उस्मानी ने आशंका जाहिर की है कि हसदेव चिरमिरी, बैकुंठपुर, सोहागपुर ही नहीं एसईसीएल की खानों में महामारी का भयंकर रुप देखने का मिल सकता है। उन्होंने एसईसीएल प्रबंधन को समय रहते समुचित कदम उठाने की अपील की है।

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