छत्तीसगढ़

कांग्रेस के कुशासन से जनता त्रस्त-रामचरित द्विवेदी

शराब दुकान को लेकर भाजपा कांग्रेस आमने सामने

मनेंद्रगढ़। भाजपा के नेता शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर घड़ियाली आंसू नहीं बहा रहे बल्कि पूरे प्रदेश की जनता कांग्रेस के कुशासन से खून के आंसू रो रही है। एक बार गंगाजल के नाम पर धोखा खा चुकी प्रदेश की जनता अब दोबारा कांग्रेस की झूठी कसमों के छलावे में आने वाली नहीं है। कांग्रेस के लोग किस मुंह से भाजपा को विकास का विरोधी बता रहे हैं जबकि ढाई सालों में कांग्रेस के नेताओं ने सिर्फ झूठे वायदे ही किये हैं। उक्त आशय का बयान जारी करते हुए भाजपा मंडल महामंत्री रामचरित द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग में अंग्रेजी शराब दुकान किसके इशारे पर स्थानांतरित की गई। आखिर चैनपुर में शराब दुकान संचालन में किस को तकलीफ हो रही थी।इस बारे में कांग्रेसी नेता कोई जानकारी नहीं दे रहे बल्कि भाजपा पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेसी नेताओं द्वारा केंद्र सरकार को नाकाम बताने पर मंडल महामंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार नाकाम होती तो पूरा देश अभूतपूर्व बहुमत के साथ उन्हें दोबारा केंद्र की सत्ता नहीं सौंपता वहीं कांग्रेस का जनाधार कहां से कहां आ गया यह बताने की जरूरत नहीं है। मंडल महामंत्री ने कहा की कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में था की हमारी सरकार बनने पर हम पूर्ण शराबबंदी करेंगे लेकिन शराबबंदी तो नहीं हुई उल्टे होम डिलीवरी कर घर-घर शराब पहुंचा कर पूरे प्रदेश का माहौल खराब किया गया। कांग्रेसी नेताओं ने यह वादा किया था की हर युवा को रोजगार देंगे। एक लाख शासकीय नौकरी तथा बेरोजगारी भत्ता देंगे लेकिन कितने लोगों को नौकरी मिली और कितने लोगों को बेरोजगारी भत्ता दिया गया यह बताने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के नेताओं ने झीरम के शहीदों को समर्पित घोषणा पत्र में कहा था की झीरम घटना के सबूत इनके जेब में हैं लेकिन ढाई साल बीत गए कांग्रेसी नेता सत्ता में इतने मदहोश हो गए कि आज तक झीरम के सबूत इनकी जेब से नहीं निकल पाये। जब कांग्रेस के नेता अपने ही पार्टी के नेताओं की शहादत को भूल सकते हैं तो इनसे बड़ा धोखेबाज और मौकापरस्त कौन हो सकता है। इसके अलावा कोरोना काल में जब प्रदेश सरकार को वैक्सीनेशन कराने की जिम्मेदारी दी गई तो उसमें भी इन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच गरीबी अमीरी की खाई खींच कर लोगों में भ्रम पैदा कर दिया। यह तो गनीमत थी कि केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन का कार्य अपने हाथ में ले लिया नहीं तो प्रदेश की जनता को कभी कोरोना की वैक्सीन ही नहीं लग पाती।

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