छत्तीसगढ़

नीरज पाण्डेय बने एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन को मिलेगी मजबूती

मित्रों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर

कोरिया। जिले के खोंगापानी से आकर राजधानी व प्रदेश में छात्रहित के लिये संघर्षरत प्रदेश महासचिव नीरज पांडेय को पद्दोनत कर एनएसयूआई छत्तीसगढ़ का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। शनिवार को दिल्ली से आल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने नीरज पांडे को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने का नियुक्ति आदेश जारी किया है। नीरज की प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति से छात्र नेताओं में हर्ष व्याप्त है। राजधानी में रहकर छात्रों के लिए संघर्षरत नीरज कोरिया जिले के खोंगापानी नगर पंचायत के रहने वाले है। खोंगापानी से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद नीरज ने आगे की पढ़ाई के लिए राजधानी रायपुर का रुख किया और छात्रहित के लिए एनएसयूआई के माध्यम से सक्रिय रहे। नीरज ने अपनी नियुक्ति पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा है की जिन आशाओं और उम्मीदों के साथ मुझे दायित्व सौंपा गया है उन्हें पूरा करूँगा। छात्रहित के लिए मेरी आवाज सदैव बुलंद रहेगी।
स्कूल अध्यक्ष से प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर
नीरज ने छात्र नेता के तौर पर अपनी सफर की शुरुआत स्कूल अध्यक्ष के पद से की। इसके बाद एनएसयूआई खोंगापानी के नगर अध्यक्ष बने फिर एनएसयूआई ब्लाक अध्यक्ष मनेन्द्रगढ़ बने। नीरज की सक्रियता को देखते हुए उन्हें कोरिया जिला एनएसयूआई का महासचिव बनाया गया। फिर उन्हें जिले में उपाध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया। इसके बाद नीरज को एनएसयूआई की प्रदेश टीम में जगह मिली और एनएसयूआई के प्रदेश संयोजक बनाये गए साथ ही छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय का प्रभारी बनाया गया। नीरज के प्रभार में एनएसयूआई ने तकनीकी विश्विद्यालय में दो बार छात्र संघ पर कब्जा जमाया। नीरज के संगठन के प्रति कार्यो को देखते हुए उन्हें एनएसयूआई का प्रदेश महासचिव बनाया गया और अब प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई।
छात्र हित मे किये कई कार्य
शुरू से ही छात्र हित के लिये सक्रिय नीरज पांडे ने प्रदेशभर में विभिन्न कार्य किये है। महज 16 वर्ष की उम्र में नीरज ने छात्रहित के लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज में असुविधाओं को लेकर आंदोलन किया। बस्तर सत्याग्रह में 110 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा की। नारियों के सम्मान में 150 किलोमीटर की नारी अस्मिता यात्रा की। फीस विनियामक आयोग के गठन को लेकर लगातार आंदोलन, आउटसोर्सिंग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा छात्रों के लिए नीरज सदैव आंदोलनरत रहे।

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