छत्तीसगढ़

एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष चंद्रभान बर्मन ने मुख्य्मंत्री और शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

विद्यालय से शिक्षकों के कमी के बावजूद मूल पदस्थापना से अन्यत्र संलग्न करने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्य शैली पर जताई नाराजगी

एकल शिक्षकीय विद्यालयों में यदि नहीं हुई शिक्षकों की व्यवस्था तो जल्द होगा उग्र आंदोलन
कोरिया। एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष चंद्रभान बर्मन ने शिक्षा सत्र के बीच में शिक्षकों को मूल पदस्थापना से अन्यत्र संलग्न करने और प्रतिनियुक्ति के आधार पर अंग्रेजी मीडियम माध्यम स्कूल में भेजने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर कोरिया को पत्र लिखा है। चंद्रभान बर्मन ने पत्र में लिखा कि एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लगातार शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं ताकि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी ना होने पाए वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के जिले के अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए शिक्षा बीच शिक्षा सत्र में विद्यालयों से शिक्षकों को अन्यत्र संलग्न करने के साथ ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भेज रहे हैं जिससे कई विद्यालयों में शिक्षकों का संकट होता जा रहा है। चंद्रभान बर्मन ने उदाहरण देते हुए बताया कि शासकीय हाई स्कूल कोड़ा में बीच सत्र में हिंदी और अर्थशास्त्र के शिक्षकों को अन्यत्र विद्यालय के लिए रिलीव कर दिया गया, साथ ही गणित के अतिथि शिक्षक की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम स्कूल में होने के कारण गढ़ित विषय का पद भी रिक्त हो गया, ऐसा करने से हाई स्कूल केवल पांच शिक्षकों के भरोसे चल रहा है और विद्यालय में हिंदी अर्थशास्त्र, गणित, सामाजिक विज्ञान और संस्कृत विषय के लिए कोई शिक्षक मौजूद नहीं है। इसी तरह पूरे जिले में बहुत सारी प्राथमिक और माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय है, शिक्षको से विभाग की योजनाओं के साथ टीकाकरण, जाती प्रमाण पत्र और विभिन्न प्रकार के अन्य कार्य भी कराए जाते है। ऐसी स्थिति में एकल शिक्षकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य पूर्णत बाधित हो जा रहे है । दो साल में कोरोना काल में विद्यालय बंद होने के कारण, साथ स्कूल एकल शिक्षकीय होने के कारण बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे है। बरतूंगा प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल बंद करके उसके स्थान पर आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया परंतु हिंदी माध्यम स्कूल के बच्चों को 4 किलोमीटर पैदल चलकर अब बड़ी बाजार स्कूल जाना पड़ रहा है स्थानीय पार्षदों एवं मनोनीत पार्षदों द्वारा बार-बार जिला शिक्षा अधिकारी को बरतूंगा स्कूल खोलने के लिए आवेदन करने पर भी आज तक उनके द्वारा कोई ठोस या सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, ना ही कोई लिखित आदेश जारी किया गया केवल टालमटोल कर अपनी जवाबदारी से बचने का कार्य किया जा रहा है। बर्मन ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मार्कशीट या दाखिल खारिज में छोटी मोटी लिपटी त्रुटि होने पर भी उनमें सुधार नहीं किया जाता है एवं नोटशीट में कोर्ट जाने के लिए उल्लेखित किया जाता है साथ ही छात्र नेताओं एवं किसी भी छात्र एवं आम जनों की बातों को तवज्जो नहीं दिया जाता है, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा लगातार इस तरीके की लापरवाही और अनियमितता बरती जा रही है जिससे जिले में विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं यदि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दीन दिनों के अंदर इन शिक्षकों को वापस विद्यालय में नहीं भेजा गया साथ ही अन्य किसी भी शिक्षक का शिक्षा सत्र के बीच में विद्यालय से मूल पदस्थापन से अन्यत्र किसी ऐसे विद्यालय में संलग्न किया गया जहां संविदा या कलेक्टर दर से सीधी भर्ती की जा सकती है तो जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव किया जाएगा जिसके लिए पूर्ण रुप से जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे क्योंकि उनके इस तरीके के कृत्य से प्रदेश में कांग्रेस सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान उत्पन्न हो रहे है।

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