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जिला प्रशासन द्वारा 184 सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कराया जा रहा सुदूर सम्पर्क सड़क का निर्माण

सुदूर सम्पर्क सड़क निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों के खुलेंगे संभावनाओं के द्वार

बरसात के समय में भी हो सकेगा ग्रामीणों का सुगम परिवहन

अनूपपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सुचारू आवागमन के लिए सम्पर्क मार्गों को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले के चारों विकासखण्डों में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सुदूर सड़क सम्पर्क मार्गों का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे बरसात के समय में ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली दिक्कतों से निजात मिलेगी। वहीं वह इन मार्गों का उपयोग कर ग्रामीण कृषक दैनिक कार्यों के साथ ही अपनी उपज को बाजार तक सहज पहुंचाकर अपने आय में वृद्धि कर सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को स्कूली शिक्षा प्राप्त करने, ग्रामीणों को पीडीएस दुकान, स्वास्थ्य लाभ आदि प्राप्त करने के लिए आने-जाने में सुदूर सम्पर्क सड़क मददगार साबित होगी तथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सड़क निर्माण से ग्रामीणों के विकास के संभावनाओं के द्वार खुलेंगे तथा सुगम परिवहन भी सुनिश्चित होगा। जिला प्रशासन द्वारा जिले में पूर्व वर्षों की स्वीकृत ग्रेवल/ खेत सड़कों के 86 कार्यों को भौतिक रूप से पूर्ण कराया जा चुका है एवं पूर्व वर्षों की 52 ग्रेवल सड़क निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। जिन्हें जून माह के अंत तक पूर्ण कराने का लक्ष्य लिया गया है। जिले के अनूपपुर जनपद पंचायत अंतर्गत 49, जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत 54, जनपद पंचायत कोतमा अंतर्गत 17, पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत 64 सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व वर्षों तथा नवीन दिशानिर्देशों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा कुल 184 ग्रेवल रोड का कार्य कराया जा रहा है। जिला प्रशासन, राज्य शासन की मंशानुसार सुदूर ग्रामीण अंचलों को मुख्य मार्ग तक जोड़ने के लिए खेत/सुदूर सड़क सम्पर्क का निर्माण कराकर ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को क्षेत्र के मजरे-टोले, स्कूल, आंगनबाड़ी, अमृत सरोवर, पीडीएस दुकान के साथ ही मुख्य मार्ग से जोड़कर आवागमन सुगम बनाने के लक्ष्य के तहत कार्य कराया जा रहा है। सुदूर सम्पर्क सड़क के निर्माण से खेतों को मुख्य मार्ग से जोड़ने से किसानों का रूझान नगदी फसलों की ओर होगा, जिससे किसानों के उत्पाद को आसानी से बाजार तक पहुंच सुनिश्चित होने के साथ ही किसान की आय में भी वृद्धि होगी।

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