छत्तीसगढ़

एसईसीएल मुख्यालय में जेसीसी की बैठक सम्‍पन्‍न

उत्पादन, उत्पादकता और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर हुई चर्चा

रिपोर्टर-राजेश सिंह

बिलासपुर। 19 सितम्‍बर को साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की स्टीयरिंग कमेटी/जेसीसी की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक मे कोयला मजदूर सभा की ओर अख्तर जावेद ट्रेड यूनियन लीडर ने प्रतिनिधित्व किया.कोयलमज़दूर सभा के प्रतिनिधि ने इन बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. देश मे नौकरीपेशा वर्ग मे ब्याप्त अनिश्चितता, निजीकरण के कारण नौकरी समाप्ति की दशा मे सामाजिक सुरक्षा के प्रस्ताव का सर्वथा अभाव, राष्ट्रीय संपत्ति को रिओ टिंटो, बीएचपी ग्लेन कोर या वेल को सौंपने के निर्णय के विरुद्ध हड़ताल लाज़िमी है और आगे भी हो सकती है, उत्पादन बढ़ाने के लिये सुस्पष्ट इन्सेंटिव स्कीम और उसके लाभों को श्रमिकों तक पहुंचाने का कार्य प्रारंभ हो, कार्य क्षेत्र मे कार्य की परिस्थितियों मे सुधार लाया जाये, गर्मी की अधिकता, हवा की कमी, पीने के पानी की अनुपलब्धता और आद्रता की स्थितियों मे सुधार कर उत्पादन 10 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। ओपेनकास्ट मे कोयले की धूल से दृष्टि बाधित होती है और एक ही फेस मे कई मशीनों के एक साथ कार्य के कारण उत्पन्न शोर से श्रमिक भ्रमित हो सुरक्षित स्थान पर नही रह पाता है। कुसमुंडा मे सरफेस माइनर्स के डस्ट सप्रेशन सिस्टम को बाईपास किया जा रहा है। रायगढ़ मे फ्लाई एश फिल्ड एरिया मे दुर्घटना फ्लाई एश मिक्स डंप की स्टेबिलिटी पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। भविष्य मे भी दुर्घटनायें संभावित है, इज़ आफ़ वर्क एट वर्क प्लेस को अपनाने से उत्पादकता मे वृद्धि अवश्यंभावी है, श्रमिकों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं पर आसान एवं त्वरित रिसंपास एंव डिलीवरी सिस्टम डेवलप किया जाये, जिससे अनिश्चितता और शोषण की गुंजाइश मे कमी आ सके, माइन डेवलप और आपरेट सिस्टम कान्ट्रेक्ट मे कान्ट्रेक्टर हास्पीटल, स्कूल बस , कालोनी जैसा कोई निवेश नही करता है। कान्ट्रेक्ट एग्रीमेंट को ब्यापक बनाया जाये, ठेका मजदूरों को वेतन भुगतान के बावजूद उनके वास्तविक भुगतान मे अंतर आता है। इसे रोकने के लिये एक ट्रेंड और फिट ठेका मजदूरों का पूल बनाया जाये, डिस्पेंसरियों मे डाक्टर पदस्थ नही किये जाने के कारण सेन्ट्रल/रिजनल हास्पिटल्स डिस्पेंसरी बन गयें हैं, ठेकेदारों की एलपीसी मे नाम और सी, ई और डी फार्म मे वास्तविक मजदूरों के नाम और सीएमपीएफ एकांउट धारी अलग अलग हैं। वास्तविक श्रमिकों को लाभ नही मिल पा रहा है, सीएमपीएफ एक्ट मे प्रावधान न होने के बावजूद ईपीएफ मे कान्ट्रीब्यूशन जमा कराया जा रहा है जबकि एस्टीमेशन और डिपाज़िट सीएमपीएफ और सीएमपीएस की दर से होता है, सेवानिवृत्त श्रमिकों को आवेदन पर क्वार्टर सब लीज़ किये जायें, स्कूल बसों मे सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस मानिटरिंग के साथ इसका मासिक बैकअप रिकार्ड प्रबंधन के पास होना चाहिये। श्रमिकों को ले जाने वाली बसों की फिटनेस की जांच नियमित होनी चाहिये। रायगढ़ मे यदि 80 से 100 श्रमिक बस मे न जायें तो अनुपस्थिति हो जायेगी। चिरिमिरी मे 3 बडी बस दुर्घटनायें हो चुकी है, श्रमिकों और रिटायर्ड श्रमिकों के लिये मेडिकल रिकार्ड बुक वर्तमान मे सादे पन्ने मात्र है। इसमे और सुधार किया जाये। प्रबंधन की ओर से अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, सभी निदेशकों, महाप्रबंधक कार्मिक और प्रशासन ने उत्पादन और उत्पादकता के विशद् आंकड़ो के साथ साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के उत्पादन मे प्रथम स्थान, 170 मिलियन टन के लक्ष्य, वर्तमान परिस्थितियों के वर्णन के बाद इसके अतीत के गौरव की रक्षा हेतु हड़ताल न करने की अपील की। एफडीआई से तत्काल कोई खतरा कोल इण्डिया जैसी विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं ब्यापक उपस्थित की कंपनी को नही है, कान्ट्रेक्ट वर्कर के कार्य प्रारंभ समय पर ही सीएमपीएफ़ का सदस्य बनाने की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी। समस्याओं पर रिस्पांस और डिलीवरी सिस्टम मजबूत बनाने पर विचार किया जायेगा, सेवानिवृत श्रमिकों की मेडिकल रिकॉर्ड बुक/कार्डस् को क्षेत्रीय स्तर पर बनवाया जायेगा। स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया कोल इण्डिया लिमिटेड के स्तर पर ज़ारी है। 100 डाक्टरों की कमी होने के कारण समस्या है, इन्सेंटिव स्कीम और मैन पावर बजट अनुमोदन हेतु प्रक्रिया गत है, सीएमपीएफ़ को आधार बेस्ड बायोमेट्रिक अटेन्डेन्स से लिंक करने पर पात्र को सीएमपीएफ़ लाभ मिल सकेगा।कार्यस्थल पर कार्य की उचित परिस्थितियों के निर्माण हेतु निर्देश दिये जायेंगे, दो वर्ष से पुरानी बसें नियोजित नही की जायेंगी यह सुनिश्चित किया जायेगा। अन्य सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जायेगा, सबलीज़िंग और रेन्टिग का अधिकार साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के पास नही है, पीने के पानी की गुणवत्ता मे सुधार किया जायेगा,सिविल विभाग मे अधिकारियों की कमी को इंगित किया गया। अंत मे पुनः हड़ताल न करने की अपील पर स्वीकार करने मे असमर्थता व्‍यक्त की गई।

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