अनूपपुर

जीवन शैली में परिवर्तन लाकर मिशन लाईफ को सफल बनाएं-शिवराज सिंह चौहान

गोवर्धन पूजा-प्रकृति के प्रति आभार का महोत्सव अनूपपुर में संपन्न

अनुपपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकृति संरक्षण को जीवन संरक्षण का मूल मंत्र माना है। मिशन लाईफ को अपना कर ही हम सबका जीवन सुरक्षित कर सकते हैं। मध्यप्रदेश के लोग अपनी जीवन शैली में छोटे – छोटे परिवर्तन ला कर मिशन लाईफ को सफल बना सकते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार, दिनांक 26 अक्टूबर , 2022 को गोवर्धन पूजा-प्रकृति के कृतज्ञता का महोत्सव के आयोजन अवसर पर उपरोक्त विचार व्यक्त किये। कुशाभाऊ अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर भोपाल में मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में किये जा रहे इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण अनूपपुर कलेक्ट्रेट में एवं सभी विकाशखण्ड मुख्यालयों में जन अभियान परिषद की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में देखा गया। जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश पाण्डेय, भारत विकास परिषद अनूपपुर के पूर्व अध्यक्ष एवं जिले के वरिष्ठ पत्रकार मनोज द्विवेदी, आदर्श दुबे, समाजसेवी श्रीमती रश्मि खरे, उमेश पटेल, मोहन पटेल, नरेन्द्र पटेल, अशोक खरे,संजय सैलानी के साथ जिला मुख्यालय के कलेक्टर कार्यालय एन आई सी हाल में ,एवं सभी विकासखंडों के मुख्यालय में इस कार्यक्रम में अतिथियों के साथ नवांकुर संस्थाओं, प्रस्फुटन समितियों, समाजसेवी संगठनों के लोग,पर्यावरणविद, कृषकों, सी एम सी एल डी पी छात्रों,कृषि विभाग के कर्मचारियों और गणमान्य नागरिकों ने सहभागिता निभाई। भोपाल में गोवर्धन पूजा के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती विषय पर आयोजित कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु श्री गौरांग दास, सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा, श्री हितानंद शर्मा, मंत्री श्री विश्वास सारंग, श्री विजय शाह, श्री रामखेलावन पटेल, श्री हरदीप डंग, बहन श्रीमती कृष्णा गौर जी, श्री आलोक शर्मा जी, श्री सुमित पचौरी जी एवं अन्य गणमान्य नागरिक की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के 16 नगरीय निकायों में पर्यावरण हितैषी जीवनशैली को आत्मसात करने व परस्पर प्रतिस्पर्धा एवं रैंकिंग करने के लिए ग्रीन सिटी इंडेक्स का शुभारंभ किया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अंकुर अभियान के तहत पूरे मध्यप्रदेश में लोग 61 लाख से अधिक पौधे अपने जन्मदिन या खुशी के अवसरों पर लगा चुके हैं।पहले किसान पूरी जमीन पर खेती नहीं करते थे। वह अपने पशुओं के लिए पड़त भूमि छोड़ देते थे ताकि उनके पशुओं को भी घास मिल सके। जिसे आज हम ग्रीन बेल्ट कहते हैं, पहले वह स्वाभाविक रूप से हुआ करती थी। हमारा राष्ट्र अत्यंत प्राचीन व महान है। अगर कोई भारतीय संस्कृति के विषय में मुझसे पूछें कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता क्या है तो मैं हमेशा कहता हूँ कि एक ही चेतना सभी में है। इसी लिए कहा गया है कि आत्मवत् सर्वभूतेषु । हमारे ऋषियों ने कितना सोच समझकर यह गोवर्धन पूजा की परंपरा बनाई होगी। गोवर्धन पूजन पर्व के अवसर पर प्रदेश को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई मुझसे भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता पूछे तो मैं हमेशा कहूंगा हूं कि एक ही चेतना हम सब में है। हमने पशुओं को भी आत्मभाव के साथ देखा। गौ माता की पूजा तो हम करते ही हैं। हमारे जितने भी अवतार हुए, दशावतार में से तीन तो पशु रूप में ही हुए। यदि कार्बन गैसों का उत्सर्जन ऐसे ही होता रहा, तो धरती का क्या होगा, यह हम समझ सकते हैं। इसलिए धरती को बचाना है, तो अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा। कम से कम अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगा लो। हम देखते हैं कि भरा हुआ पानी का गिलास लोग लेते हैं और कई बार दो घूंट पीकर बाकी पानी छोड़ देते हैं। जितना आवश्यक हो, उतना ही पानी लें, ताकि जल की हर बूंद का सदुपयोग हो सके, जीवनशैली में यह परिवर्तन आवश्यक है। वट वृक्ष, पीपल, नारियल… हमारे यहां पेड़ों की पूजा आज नहीं, हजारों साल से होती आ रही है क्योंकि हमने इनको भी आत्मभाव से देखा है। बिजली की जितनी आवश्यकता हो, उतनी ही उपयोग करें तो लगभग साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये की बिजली बचेगी और कार्बन गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा। श्री चौहान ने कहा कि भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शांति के शास्वत पथ पर भारत का यह दर्शन ही ले जा सकता है कि प्रकृति का शोषण मत करो। नदियाँ हमारे यहां केवल जल वाहिकाएं ही नहीं मानी गई हैं। यह हमारी पवित्र माताएं हैं। इनको हम मां मानकर पूजा करते है। उनके बिना हमारा काम नहीं चल सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मिशन लाईफ का कांसेप्ट दुनिया के सामने रखा है। हम मिशन लाईफ को सुरक्षित करेंगे तो धरती पर लाइफ बचेगी। मेरे प्रदेशवासियों गंभीर चिंतन हेतु गोवर्धन पूजा का यह कार्यक्रम रखा गया है। यह कोई कर्मकांड नहीं है। हम केवल समस्या की बात नहीं करेंगे बल्कि समस्या का समाधान भी ढूंढेंगे। क्योंकि इस धरती को हमें सुरक्षित बचाए रखना है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने ग्रीन जीडीपी का जिक्र करते हुए आयोजन में शामिल लोगों से पौधे लगाने, बिजली पानी बचाने, प्रकृति संरक्षण, गौ संरक्षण से जुड़े पांच संकल्प दिलाए।

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