एमबी पावर और एसईसीएल जमुना-कोतमा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

अनूपपुर। एसईसीएल जमुना की खाली पड़ी कोयला खदान में एमबी पावर (मध्य प्रदेश) लिमिटेड से निकलने वाले फ्लाई ऐश के भराव व समतलीकरण के लिए बीती शाम क्षेत्रीय अधिकारी, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, संजीव मेहरा एवं महाप्रबंधक एसईसीएल,जमुना-कोतमा क्षेत्र, सुधीर कुमार की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौते पर एमबी पावर की ओर से इसके सीओओ एवं प्लांट हेड बसंता कुमार मिश्रा एवं एसईसीएल की ओर से हरजीत सिंह, महाप्रबंधक (आपरेशन), ने हस्ताक्षर किया। इस मौके पर एमबी पावर के मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग के महाप्रबंधक आरके खटाना एवं कंपनी के पर्यावरण विभाग के प्रभारी डा. भोला प्रसाद कुशवाहा भी मौजूद थे। एमबी पावर द्वारा त्यक्त खदानों को राखड़ से भरकर नियमानुसार पुन: इस्तेमाल योग्य बनाने का प्रयास 2017 से किया जा रहा है। श्री संजीव मेहरा और एसईसीएल प्रबंधन के सहयोग से एमबी पावर को अब तक दो परित्यक्त खदानें, जिनमें शारदा माइन एवं जमुना (ओसीएम) शामिल हैं, मिल चुकी हैं। यह पहल फ्लाई ऐश के समुचित इस्तेमाल की दिशा में ठोस कदम है। संयंत्र से निकलने वाले फ्लाई ऐश का 100 फीसदी उपयोग सुनिश्चित करना एमबी पावर की जिम्मेवारी है। साथ ही उत्खनन उपरांत खदान को ओवरवर्डन के साथ फ्लाई ऐश मिलाकर व भरकर समतलीकरण की जिम्मेवारी खदान प्रबंधन की होती है। एमबी पावर पिछले 5 वर्षों से फ्लाई ऐश का सौ फीसदी उपयोग सुनिश्चित करने में सफल रही है। फ्लाई ऐश नोटिफिकेशन के अनुसार फ्लाई ऐश का उपयोग फ्लाई ऐश ब्रिक्स-ब्लाक बनाने, सीमेंट निर्माण, रेडीमिक्स कंक्रीट, सड़क-फ्लाई ओवर निर्माण, जिओ पालीमर आधारित सामग्रियों के निर्माण, बांध निर्माण, निचले क्षेत्रों व त्यक्त खदानों के भराव व समतलीकरण में किया जाता है। एमबी पावर द्वारा उत्पादित फ्लाई ऎश के 60 फीसदी हिस्से की आपूर्ति सीमेंट कंपनियों को की जाती है,वहीं शेष का इस्तेमाल ब्रिक्स एवं ब्लाक निर्माण, निचले क्षेत्रों एव खदानों के नियमानुसार भराव में किया जाता है। प्रदूषण बोर्ड की विधिवत अनुमति और निगरानी में अभी तक लहरपुर, गुंवारी, छुलहा, जैतहरी, जमुड़ी, परसवार, राजेंद्रग्राम, धनगवां, बकही, सकरा आदि स्थानों में पूर्व स्वीकृति के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुसार भराव कार्य किया गया है और कुछ जगहॊं पर यह कार्य जारी है। यह पहल अनुपयुक्त और परित्यक्त भूमि को इस्तेमाल योग्य बनाने में कारगर है। खाली खदानों में इंसान और पशुओं के गिरने जैसी घटनाओं कॊ रोकने में भी यह सहायक है। एमबी पावर प्रबंधन ने उपरोक्त खदान के भराव की अनुमति हासिल करने में संजीव मेहरा की भूमिका की सराहना करते हुए इसके लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है।