अनूपपुर

डाॅ. की पिटाई मामले में चार्जशीट दाखिल करते वक्त पुलिस ने गुरुजी का नाम किया बाहर

करौली शंकर महादेव कानपुर से जुड़ा हुआ है यह मामला

सनातन धर्म के विरुद्ध साजिश रचे जाने की भी है सुगबुगाहट

कानपुर- सनातन धर्म को नीचा दिखाने और चमत्कार दिखाने की चुनौती देने वाले नोएडा के डाॅक्टर सिद्धार्थ चौधरी की पिटाई के मामले में बिधनू पुलिस ने करौली सरकार के संत ड्रा.संतोष सिंह भदौरिया को क्लीन चिट दे दी है। पुसिल ने बाबा के तीन सुरक्षा कर्मियों व सेवादारों को मारपीट और गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देने का आरोपी बताते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। ऐसा पुलिस ने माना है कि सेवादार डाॅक्टर को पंडाल से बहार ले गए और मारपीट की,बाबा के खिलाफ साक्ष्य न मिलने की दलील देकर पुलिस ने बाबा का नाम इस मामले में बाहर कर दिया है।
ज्ञात हो कि नोएडा के रहने वाले डाॅ. सिद्धार्थ चौधरी ने 19 मार्च 2023 को बिधनू थाने में बाबा संतोष सिंह भदौरिया और उनके चेलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 22 फरवरी को वह परिवार के साथ करौली आश्रम गए थे और बाबा से चमत्कार दिखाने की मांग की,बाबा ने उन्हें चमत्कार नहीं दिखाया बल्कि अपने बाउंसरों और सेवादारों की मदद से पंडाल के बाहर ले जाकर जमकर मारपीट की। थाना प्रभारी बिधनू सतीस राठौर ने मीडियाकर्मियों को जानकारी दी कि जांच में बाबा के खिलाफ मारपीट या किसी अन्य तरह का आरोप साबित नहीं हुआ है,इसी वजह से बाबा का नाम आरोप पत्र में शामिल नहीं किया गया है। बिधनू पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए तीन सेवादारों को आरोपी बनाया है,इस घटना की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, इनमें से कुछ में डाॅक्टर और बाबा के बीच का संवाद था जिसमें वह बाबा से चमत्कार दिखाने की मांग कर रहा था इस दौरान बाबा और उसके बीच बातें भी हुई और फिर सुरक्षा प्रहरी व सेवादार डाॅक्टर को बाहर ले जाते देखे गए थे। हालांकि मिरर लाइव टीम ने जब उस वायरल हुई वीडियो को बहुत गौर से देखा तो बाबा से चर्चा के दौरान डॉक्टर ने बाबा की तरफ उंगली उठाकर कुछ जवाब देने का प्रयास किया और जवाब देते हुए बाबा की ओर उंगली उठाया भी तो ऐसे में लाजमी है कि बाबा के सेवादार,सुरक्षा प्रहरी उंगली तो नीचे करेंगे ही ना और इसी बीच बीच बचाव और झूमा झपटी में यह कितना बड़ा अपराध हो गया,क्यों डॉक्टर ने अपनी गरिमा को ध्यान में नही रखा हम किसी संत,गुरु, बाबा को उनके ही शिष्यों के सामने उंगली दिखाएंगे तो आखिर वह शिष्य उंगली नीचे तो करेंगे ही ना। बरहाल न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते वक्त पुलिस ने संत डॉ. श्री संतोष भदौरिया का नाम आरोप पत्र से अलग कर दिया है,अब घटना सही है या झूठी है इस बात का निर्णय तो गवाहों के आधार पर न्यायालय में भविष्य में होगा, हालांकि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुई हैं उससे यह भी प्रतीत होता है कि डॉ. साहब को मार आश्रम के आसपास नहीं पड़ी है बल्कि यह वीडियो कहीं और की वह भी दूसरे शहर की है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि दरबार की आड़ में सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए दरबार से जोड़कर इस मुद्दे को ज्यादा टूल दिया गया था हालांकि करौली शंकर महादेव दरबार में इस मुद्दे का पुरजोर जवाब मीडिया कर्मियों सहित सनातन विरोधियों को दिया है।

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