4 माह से नहीं हुआ ठेकेदारों के किए हुए काम का भुगतान
*4 माह से नहीं हुआ ठेकेदारो का भुगतान*
*ठेकेदार व ठेकेदारी मजदूर भुखमरी के कगार पर*
*ठेकेदार एसोसिएशन ने महाप्रबंधक को पत्र लिखकर किया भुगतान किए जाने की मांग*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल जिसे की मिनी रत्न व महारत्न का दर्जा प्राप्त है उसके जमुना कोतमा क्षेत्र में पिछले 4 माह से जिन ठेकेदारों द्वारा कार्य पूरा कर दिया गया है जोकि करोड़ों में है उनका भी भुगतान नहीं हो रहा है जिससे वह काफी परेशान हैं
ठेकेदार एसोसिएशन जमुना कोतमा क्षेत्र के महामंत्री ने महाप्रबंधक जमुना कोतमा को पत्र लिखकर मांग किया है कि इस करोना महामारी से गांव से लेकर शहर तक आपातकाल जैसा स्थिति बनी हुई है इस परिस्थिति में जहां एक तरफ शासन समाज सेविय जननायक लोग गरीब मजदूर लोगों का खाने एवं राशन की व्यवस्था कर रहे है परंतु आपके द्वारा कराए गए कार्य जो आज 4 माह से भुगतान नहीं किया गया है जिससे ठेकेदार और ठेकेदारों के मजदूरों में हताशा एवं निराशा फैला हुआ है जबकि ठेकेदार द्वारा कराए जाने वाले कार्य से लेकर बिल कैश विभाग में पहुंचने तक ठेकेदार अर्थहीन हो जाता है इस दशा और समय को देखते हुए कोल इंडिया को 4 माह से रुके बिल भुगतान नहीं रोकना चाहिए जिससे ठेकेदारों द्वारा कराए जा रहे कार्य पर मजदूर का भुगतान नहीं हो पाएगा जिससे कामगार आहत हो रहे हैं और काम पर आने से मना कर रहे हैं जिससे कार्य प्रभावित होगा प्रबंधन जैसे अपने कामगारों का सुख दुख देखते हुए समय से वेतन का भुगतान कर रही है इसी तरह जो समय चल रहा है यह समय की मांग है कि प्रबंधन ठेकेदारों के बिलों का भुगतान शीघ्र करा दे अगर भुगतान नहीं होता है तो ठेकेदार अपने कामगारों का भुगतान नहीं कर पाएंगे जिससे कामगारों एवं कुछ ठेकेदारों में भुखमरी के शिकार होने की और संभावना बढ़ जाएगी और जो काम चल रहा है उसमें कामगार आने से मना कर रहे हैं जिससे कार्य प्रभावित होगा जिसमें ठेकेदार का कोई दोष नहीं होगा जबकि इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी एसोसिएशन के महामंत्री व समस्त ठेकेदारों ने मांग किया है कि अतिशीघ्र भुगतान किया जाए जिसकी सूचना कलेक्टर महा प्रबंधक संचालन क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक वित्त प्रबंधक जमुना कोतमा को दिया गया है यहां तक कि सभी ठेकेदारों ने एसोसिएशन के अतिरिक्त व्यक्तिगत तौर पर भी शिकायत कर भुगतान करने की मांग की है और किस कारण से भुगतान नहीं हो रहा है इसका स्पष्ट उत्तर भी कोई नहीं दे रहा है