चेतावनी के बाद पटवारी संघ का अनिश्चितकालीन हड़ताल,माफी मांगने के लिए दिया था 3 दिन का
रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा

खेल मंत्री के बयान पर के विरोध में पटवारी संघ का हड़ताल
अनूपपुर। पटवारी संध द्वारा दिये गये ज्ञापन में जीतू पटवारी के द्वारा दिये गये बयान पर तीन दिवस मे सार्वजनिक रूप से प्रदेश के सभी पटवारी से माफी की मांग की गई थी जिसके बाद 3 दिन गुजर जाने के बाद भी जीतू पटवारी द्वारा ना अब तक माफी मांगी गई है जिस कारण से पटवारी संध द्वार माफी नहीं मांगने पर जिले के के समस्त पटवारी अपने स्वाभिमान की रक्षा हेतु 3 अक्टूबर से समस्त प्रभार सौप कर अनिश्चितकालीन हडताल पर पटवारी चले गए हैं।
माफी नहीं मांगी जाने तक रहेगी हड़ताल जारी
हड़ताल पर उतारू हुए पटवारियों का कहना है कि जब तक खेल मंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से पटवारियों से माफी नहीं मांगी या अपने शब्द वापस नहीं लिए तब तक यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी अपने स्वाभिमान के लिए हम यह हड़ताल जारी रखेंगे।
यह था मामला
28 सितंबर को इन्दौर की राऊ तहसील के ग्राम रंगवास में आपकी सरकार आपके द्वारसार्वजनिक मंच से माननीय उच्च शिक्षा एंव खेल मंत्री जीतू पटवारी द्वारा सभी पटवारियो को 100 फीसदी रिश्वत लेने वाले बयान को लेकर पटवारियों में काफी आक्रोश दिखा। अनूपपुर जिले के पटवारी संध के लगभग 200 पटवारियों ने कलेक्ट्रेट में रैली निकाल का ज्ञापन सौपा जिसमें जीतू पटवारी के बयान पर पटवारी संध से माफी मांगनें तथा इस्तीफा की मांग की है। पटवारी संध का कहना है कि जीतु पटवारी द्वारा दिये गये बयान से निश्चित रूप से प्रदेश के समस्त पटवारियो के मानए सम्मान स्वाभिमान और अस्मिता पर घोर कुठाराघान है। जिससे प्रदेश के समस्त पटवारियो को मानसिक आघात पहुंचा है।
पटवारी एक जिम्मेदार पद, भ्रष्टाचारी नही
एक जिम्मेदार पद पर आसीन एक मंत्री द्वारा सार्वजनिक मंच इस प्रकार के बयान से निश्चित रूप से पुरे प्रदेश का पटवारी स्वयं को अपमानित महसूस कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रो में पटवारी शासन की रीढकी हड्डी की तरह सभी विभागों के कार्यो मे सहयोग एवं शासन प्रशासन के सभी आदेशो के पालन में पुरे सप्ताह 24 घंटे कार्य करता है। वर्तमान समय मे चाहे बाढ पीडितो की सहायता, फसल सर्वेक्षण, पी.एम. किसान योजना, बीपीएल राशनकार्ड, अतिवृष्टि से प्रभावित जन, पशु, मकान या सभी प्रकार की नुकसानियो का आंकलन हो सभी कार्यों को विपरीत परिस्थतियों मे समय पर पूर्ण करता है। शासन के आदेशानुसार सभी प्रकार के राजस्व मामलो जैसे नामातरण, बटवारे, सीमांकन तथा अन्य सभी के आनलाइन आवेदन सीधे तहसील कार्यालय में प्रस्तुत होकर वहीं से एक निश्चित समय सीमा उनका निराकरण होना है। यह देखा गया है कि जिन कार्यों के लिए वो जिम्मेदार नहीं होता है।