अनूपपुर

सात समुन्दर पार अमेरिका से गणतंत्र दिवस मनाने पहुंचे एनआरआई

संजीत कुमार सोनवानी

अनूपपुर। देश की मिट्टी के खुशबू के साथ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की परेड,सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच बूंदी का स्वाद अमृत जैसा लगता है। इसलिए सात समुन्दर पार से केवल बूंदी का स्वाद लेने के लिए 50 वर्षीय एनआरआई का मन मचल पडा। यूएसए के न्यूयार्क शहर में रहने वाले व्यवसाई समाजसेवी संजीव पारीक पप्पला अपने बडे भाई राजू के साथ 35 सालों के बाद अपनी जन्मभूमि अमलाई राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहुंचे और पुुराने दोस्तों को लेकर बच्चों के साथ लाईन में खडे होकर उसी स्कूल ओपीएम शिक्षण केन्द्र में राष्ट्रीय मिठाइ्र्र बूंदी का स्वाद चखा। उन्होने कहा कि बचपन में यह एक पैकेट बूंदी ओर एनसीसी करने के कारण दो समोसा भी मिलता था और यह उस समय अमृत से भी ज्यादा भी स्वादिष्ट लगता था,समय बीतने के साथ अब वह पुरानी यादें मेरा मोह रोक ना पायी और अल्प प्रवास पर मुम्बई आने पर गणतंत्र दिवस अपने उसी स्कूल में मनाने का निश्‍चय कर लिया,और यहां आकर लगता है कि में अभी स्कूल का छात्र हूं और पुराने दोस्तों का मिलन मेरे लिये यादगार बन गया है।यहां की परेड सांस्कृतिक कार्यक्रम पुराने शिक्षकों से मिलना मेरे दिल को अति हर्ष उल्लास से भर दिया है ।वही उनके बड़े भाई राजू पारीक का कहना था कि बचपन में जहां क्रिकेट खेला करते थे उस मैदान पर पुणे बच्चों को खेलता हुआ देखकर पुरानी यादें ताजा हो गई गौरतलब है कि समाजसेवी संजीव पारीक अपने दोस्तों व समाज के उत्थान के लिए लगातार यथासंभव अनुदान कर समाज हित करते रहते हैं .शायोप्रस के विजय जोशी ने कहा कि बढती उम्र में बचपना खो जाता है, लेकिन फिर से उस स्वर्णिम काल की पुनरावृति संजीव पारीक जैसे कि जा सकती है और आप पुनःनयी उर्जा से भर जाते है।

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