धान खरीदी में एक माह की देरी से रबी की खेती को होगा नुकसान

(चंन्द्रकुमार घृतलहरे)
बलौदाबाजार/डोंगरीडीह धान खरीदी भले ही सरकार द्वारा एक माह देरी से हो रही है। पर इसका असर किसानों को एक साल तक दिखने वाला है। क्योंकि खरीफ फसल की धान खरीदी एक दिसंबर से है। उसके बाद परिक्षेत्र के किसान रबी फसल की तैयारी करते हैं। गांव में धान खरीदी देर से होने के चलते खरीफ फसल की बिक्री हुई नहीं है।किसान के हाथ अभी भी खाली है। खेतों में लगी लागत मिली नहीं है की किसानों को एक और चिंता घेरने को तैयार हो गई हैं, रबी फसल की चिंता है। हर तरफ से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बार धान बुआई रोपाई बारिश नहीं होने के कारण थोड़ा लेट से हुआ। उसके बाद अच्छा खासा धान की फसल पर बेमौसम बारिश का कहर फसल को बर्बाद करने में तुला रहा। इससे नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के किसान काफी चिंतित थे। इन सबो के बाद धान की खरीदी में देरी होने के कारण किसानों की चिंता और बढ़ गया। जब तक धान की बिक्री नहीं होगी तब तक कटाई मिसाई मजदूर मशीन का खर्चा नहीं निकलेगा। जब तक खरीफ फसल का निपटारा नहीं होगा तब तक रबी फसल की तैयारी नहीं होगी इस कारण वहीं रबी की रोपनी में देरी होगी इस कारण अब उत्पादन में कमी की संभावना को इंकार नहीं किया जा सकता। आमतौर पर धान की कटाई दीपावली और छठ के बाद शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार धान कटाई देर से होने के कारण खरीदी समय पर नहीं हो रहा है। खेत में नमी का होना धान की कटाई पर प्रभाव डाल रहा है। जिससे रबी की बोआई का समय आगे बढ़ रहा है। अंतिम समय में अधिक बारिश से खेतों में पानी भर गया था। जिससे धान की कटाई मजदूर से करा रहे है। इसके चलते थोड़ा लेट हो रहा है। वैसे भी धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरू होने की घोषणा की गई है।