छत्तीसगढ़

मरने के बाद भी आऊंगा काम: हेमंत, संविधान दिवस के अवसर पर युवा पत्रकार हेमंत ने देहदान की घोषणा किया

भानु प्रताप साहू
कसडोल। जिले के युवा पत्रकार हेमंत बघेल ने संविधान दिवस के अवसर पर अपने शरीर को मरने के बाद देहदान की घोषणा किया है। श्री बघेल ने कहा कि देहदान करने का संकल्प उन्होंने कसडोल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गजेंद्र के प्रेरणा से लिया और मानव जीवन मे परोपकार से बड़ा कोई धर्म नही कहा। श्री बघेल ने आगे कहा कि हमारे समाज मे मौत के बाद शरीर को जला दिया जाता है, जिससे बॉडी का किसी तरह उपयोग नही हो पाता है यदि उनका शरीर मरने के बाद देहदान किया जाता है तो निश्चित रूप से प्रैक्टिकल कर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी दूसरों की जिंदगी बचाना सिख सकते है। इसके अलावा कहा कि इंसान जीते जी न काम आए, लेकिन मरने के बाद कुछ ऐसा दान कर जाएं जो दूसरों के काम आए , इसी सूत्र वाक्य को प्रमाणित किया है बता दे कि हेमंत बघेल ब्लाक मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत चरौदा (क) के रहने वाले है वही उनका जीवन दीनदुखियों का सेवा करना और उनका सेवा करना उनका काम है। वही हेमंत बघेल के परिवार में उनके पिता दिलीप बघेल माता पुष्पा बाई बघेल पत्नी सिद्धि बघेल, बहन प्रेणा बघेल के साथ उनका एक बेटी मायरा बघेल है।

 

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