
राजनगर। अपने मांगों को लेकर कोयला मजदूरों के साथ बैंक एवं अन्य संस्थानों द्वारा 8 जनवरी 2020 को अखिल भारती स्तर पर एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया गया था जहां कोयला क्षेत्र में संयुक्त मोर्चा जिसमें एटक, एचएमएस, इंटक, सीटू द्वारा हड़ताल करने का निर्णय लिया गया था। वही बीएमएस हड़ताल से बाहर थी हड़ताल का असर हसदेव क्षेत्र के राजनगर ,रामनगर एवं राजनगर खुली खदान पर योजना सहित अन्य खदानों में देखने को मिला जहां चारों श्रमिक यूनियनों द्वारा संयुक्त रूप से शामिल होने से कोई भी मजदूर काम पर नहीं गया। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार आपातकालीन सेवाओं को छोड़ दिया जाए तो इक्का-दुक्का मजदूर ही काम पर गए। जिससे जहां कोयला उत्पादन पूरी तरह से प्रभावित रहा तो कोयले का डिस्पैच भी नहीं किया जा सका। वही खदान के मुख्यद्वार पर सुबह से ही मजदूरों के भीड़ लगी रही तो क्षेत्र में कार्यरत बैंक की शाखाएं तो खुली रही किंतु शाखाओं में कोई भी कमर्शियल कार्य नहीं हुआ। जिससे उपभोक्ता प्रशांत दिखे कुल मिलाकर कोयला मजदूरों द्वारा की गई हड़ताल हसदेव क्षेत्र पूर्ण रूप से सफल रहा। वही इस संबंध में बीएएमएस के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ मजदूर नेता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यदि ओवरहाल कोल इंडिया की बात की जाए तो संयुक्त मोर्चा द्वारा किया गया। हड़ताल पूर्ण रूप से असफल रहा, दूसरा कोयला उत्पादन पर केवल आंशिक प्रभाव पड़ा और मजदूरों की अनुपस्थिति मात्र 20 से 30 रही।