जनजातीय संस्कृति को संरक्षित कर आमजनो को लाभान्वित करने हेतु छात्र करें शोध – राज्यपाल
लघु नाटिका के माध्यम से ट्राइबल मॉडल स्कूल के नन्हे छात्रों ने दिया संस्कृत भाषा के संरक्षण का संदेश

रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा
अनूपपुर। हमारा देश बहुत सी जनजातीय सांस्कृतिक धरोहरो से भरा पड़ा है। आज के युग में प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन यापन के तरीकों का महत्व बढ़ रहा है। स्वस्थ एवं सुखमय जीवन यापन करने का तरीका हमारी भारतीय संस्कृति में निहित है। महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। आपने छात्रों से आह्वान किया कि भारतीय जीवन शैली में शोध कर परम्परागत स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों के पुनर्जीवन पर कार्य करें। इस दौरान आपने आयुर्वेदिक औषधियों से जुड़े अपने जीवन वृत्तांतों को बताया एवं इस बात का उल्लेख किया कि आयुर्वेद से न सिर्फ सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है साथ ही विभिन्न विकारों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है।
इस दौरान श्री कोश्यारी द्वारा छात्रों को भारत की गौरवपूर्ण संस्कृति एवं महापुरुषों के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया गया। आपने कहा आज सम्पूर्ण विश्व जैविक कृषि, परम्परागत खाद्यान्नो, पर्यावरण संरक्षण की बातें कर रहा है जो हमारी प्राचीन संस्कृति का अंग है। आपने कहा सभी छात्र अभी से लक्ष्य बनाए एवं प्रदेश का देश का नाम सम्पूर्ण विश्व में रोशन करने के लिए पूरे मनोयोग से प्रयास करे। आपने सभी छात्रों से समाज में फैली हुई नशे की कुरीति को दूर करने के लिए भी आगे आकर प्रयास करने का आह्वान किया। इस पर आईजीएनटीयू के छात्रों ने पूरे उत्साह से राजपाल महोदय के इस आह्वान पर निष्ठा एवं लगन से कार्य करने का वचन दिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान के साथ किया गया। तत्पश्चात इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपतिएसपीएम त्रिपाठी ने राज्यपाल श्री कोश्यारी का शाल श्रीफल एवं जनजातीय समूहों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। इस दौरान आपके द्वारा भारतीय सांस्कृतिक चिंतन एवं विभिन्न रीति रिवाजों एवं मान्यताओं के वैज्ञानिक कारणो पर प्रकाश डाला गया। आपने कहा वसुधैव कुटुम्बम की अवधारणा पर आधारित हमारी संस्कृति पूरे विश्व के कल्याण का संदेश देती है। आपने नारीशक्ति के महत्व बताते हुए नारी सम्मान से सम्बंधित भारतीय सांस्कृतिक विशेषताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान आईजीएनटीयू परिसर में स्थित ट्राइबल मॉडल स्कूल के छात्रों द्वारा लघु नाटिका के माध्यम से संस्कृत भाषा के पुनर्जीवन का संदेश दिया गया। बच्चों के द्वारा दी हुई इस मनोहारी प्रस्तुति ने राज्यपाल सहित सभी उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे प्रभावित होकर राज्यपाल कोश्यारी ने ट्राइबल मॉडल स्कूल का भ्रमण किया एवं छात्रों एवं शैक्षणिक स्टाफ से चर्चा की। आपने सभी छात्र छात्राओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी। इस दौरान डीआईजी शहडोल रेंज पीएस उईके, कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, विभाग प्रमुख एवं बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित रहे।