…तो कहीं साजिश का शिकार तो नहीं हो रहे हैं नीतिश गोयनका
...तो कहीं साजिश का शिकार तो नहीं हो रहे हैं नीतिश गोयनका

…तो कहीं साजिश का शिकार तो नहीं हो रहे हैं नीतिश गोयनका
पॉवर ऑफ अटॉर्नी होने के बाद भी उन्हे बदनाम करने की कोशिश
अनूपपुर। खनिज विभाग द्वारा की गई कार्यवाहियों से भयभीत होकर तथाकथित अवैध कारोबारी और कुछेक केठेदारो ने अनपा ठीकरा किसी और पर फोडने के लिए नई-नई नरणनीति बनाकर नितेश गोयनका को बदनाम करने की साजिश रचने लगे है। जबकि कई ठेकेदारो ने मासिक पत्रक, खदान का हिसाब किताब, ठेकेदारो के कार्यो से संबंधित लिखा-पढी व खदान संचालकों के खनिज से संबंधित समस्त कार्य का पॉवर ऑफ अर्टार्नी नीतेश गोयनका के पास मौजूद है। किसी को पावर ऑफ अटॉर्नी देते हैं तो दूसरे शख्स को आपकी ओर से कुछ खास कानूनी और फाइनेंशियल बिजनेस के फैसले लेने का अधिकार मिल जाता है, उसके बाद भी कार्यवाही से भयभीत अवैध कारोबारियों ने खनिज विभाग और नीतेश को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। गौरलतब हो कि नीतेश स्वयं ही के्रसर का संचालन करते है और वर्षो से बिजनेस के रूप में अपने आप को बाजार में खडा किया है, लेकिन कुछेक लोगों को यह नागवार गुजरा और बदनाम करने की साजिश करने लगे।
इनका कहना है
वहीं इस मामले में क्रेशर संचालक नीतीश गोयनका का कहना है कि वह स्वयं क्रेसर संचालक है और विभिन्न कार्यो से अनूपपुर में मेरा आना-जाना लगा रहता है, विभिन्न ठेकेदारो ने भी मुझे पॅावर ऑफ अटॉर्नी दी गई है, जिसके लिए मै उनके दस्तावेजों को खनिज कार्यालय में भेजता हूं, लेकिन पता नही क्यूं लोगों द्वारा मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, फेसबुक में तो कोई भी अपना स्वार्थ और भडास निकालने के लिए लिख देता है, लेकिन और कोई गलत है तो उसे साबित करे न की किसी को बदनाम करने की कोशिश करें।
नीतिश गोयनका, ठेकेदार एवं खदान संचालक