कोल इण्डिया कोयला परिवहन एवं लदान को करेगा यंत्रीकृत
आधुनिक कोयला परिवहन एवं लदान के लिए खर्च करेगा 15,700 करोड़ रूपये

राजेश सिंह
बिलासपुर। कोयला परिवहन एवं लदान को बेहतर करने के लिए कोल इण्डिया लिमिटेड निरंतर प्रयासरत है। इस कार्य के लिए फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी की की विशेष पहल आरंभ की गयी है। इस पहल के फेस-। के अंतर्गत कोल इण्डिया अपने 6 अनुषंगी कम्पनियों के 35 प्रोजेक्ट को चिन्हित किया गया था, उनकी कुल क्षमता 406 मिलियन टन प्रति वर्ष है। इस प्रोजेक्ट में कुल 12,300 करोड़ रूपये खर्च किया जाना है। फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी पहल कोयले को पिटहेड से डिस्पैच प्वाईंट तक नई तकनीक का इस्तेमाल कर ले जाने की पहल है। इसके अंतर्गत वर्तमान में सड़क से परिवहन कम करने एवं कन्वेयर बेल्ट से यंत्रीकृत कोयला परिवहन करने पर जोर दिया जा रहा है। इससे धूल की वजह से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी और साथ ही कम्प्यूटर के माध्यम से रेल्वे वैगन में लदान किया जाएगा। कोयला परिवहन एवं लदान को बेहतर करने के लिए कोल इण्डिया ने फेस-।। में 14 प्रोजेक्ट को चिन्हित किया है। फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी पहल के अंतर्गत कोल इण्डिया की 4 अनुषंगी कम्पनियाॅं लगभग 3400 करोड़ रूपये इन 4 प्रोजेक्ट में खर्च करेगी ताकि कोयले का परिवहन बेहतर हो सके। इन चार खदानों की कुल क्षमता 100.5 मिलियन टन प्रति वर्ष है। साथ ही कोल इण्डिया साईलोयुक्त कोल हैण्डलिंग प्लांट अपने प्रोजेक्ट्स में स्थापित करेगा। इसकी वजह से कोयले की क्रषिंग, कोयले का समुचित आकार बनाने एवं तेजी से अच्छा गुणवत्तायुक्त वाला कोयला लदान किया जा सकेगा। इसकी वजह से सड़क से होने वाले कोयला परिवहन में कमी आएगी, डीजल पर होने वाले व्यय में कमी होगी, पर्यावरण संरक्षण बेहतर होगा एवं कोयला परिवहन सुगम होगा। फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी के फेस-।। के कुल 14 प्रोजेक्ट में से सेन्ट्रल कोलफील्ड लिमिटेड के 62.5 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले 5 प्रोजेक्ट, महानदी कोलफील्ड लिमिटेड के 20 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाला 1 प्रोजेक्ट, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के 14 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले 7 प्रोजेक्ट एवं एसईसीएल का 4 मिलियन टन क्षमता वाला 1 प्रोजेक्ट षामिल है। इस फेस में फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए माह अगस्त से लेकर अगले 2 वर्षों तक निविदा की जाएगी। इस पहल के अनुसार रेल्वे वैगन में यंत्रीकृत तरीके से कोयले का लदान किया जाएगा एवं इससे पे-लोडर के द्वारा किया जाने वाला लदान कम हो जाएगा। इस प्रक्रिया से समुचित मात्रा में गुणवत्तापूर्ण कोयले का लदान सुनिष्चित किया जा सकता है, साथ ही इससे लदान में भी समय भी कम लगेगा।
वर्तमान में कोल इण्डिया अपने 19 प्रोजेक्ट में कुल 151 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयले का परिवहन यंत्रीकृत प्रणाली से एवं सीएचपी-साईलो के माध्यम से करता है। यह क्षमता 2023-24 तक 557 मिलियन टन प्रति वर्ष तक फेस-। प्रोजेक्ट के माध्यम से बढ़ाई जाएगी। फेस-।। प्रोजेक्ट की औपचारिकताएॅं पूर्ण करने के पष्चात यह प्रोजेक्ट भी इस क्षमता को आगे बढ़ायेंगे।
फेस-। के कुल 35 प्रोजेक्ट मे से 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की कुल क्षमता वाला एसईसीएल का 1 प्रोजेक्ट एवं नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का 1 प्रोजेक्ट इस वर्ष माह फरवरी एवं अप्रैल से क्रियान्वित किए जा चुके हैं। 91 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता के 7 प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसमें से 4 इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण हो जायेगें। 76 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता के 8 प्रोजेक्ट के लिए निविदा की जा चुकी है एवं अन्य 18 प्रोजेक्ट के लिए 30 सितम्बर 2020 के पूर्व निविदा जारी की जायेगीं। इन प्रयावसों से फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा एवं कोयले के समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण एवं समुचित मात्रा में ढुलाई की जा सकेगी। इस पहल से एसईसीएल की प्रणाली बेहतर होगी एवं उपभोक्ता संतुष्टि में बढ़ोत्तरी आएगी।