
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ’’ बेटियों को अधिकार दिलाने का प्रयास
अनूपपुर। बेटियों की सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानो में पूजा करना बेटियों को सही मायनो में उनका स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त नही है। आवश्यकता है कि इनके पीछे छुपी मूल भावना को समझा जाए एवं उन्हें अपने आचरणो में लाया जाय। बेटियों का घर में उसी प्रकार से स्वागत किया जाय जिस प्रकार से लड़कों का किया जाता है उनके पोषण का भी ध्यान रखा जाय और जब बात शिक्षा की आए तो वे भी घर की प्राथमिकता रहें। कलेक्टर ने कहा नवरात्रि का पर्व नारीशक्ति को निरूपित करता है इसीलिए इस त्योहार के माध्यम से ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ’’ का संदेश हर जन तक पहुँचाकर बेटियों को उनका अधिकार दिलाने हेतु प्रयास किया जाएगा। आपने कहा इस अभियान की सफलता सभी जनो के सहयोग पर निर्भर है। महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को इस दायित्व का बीड़ा उठाना होगा कि बेटी बेटा सब बराबर हैं सही सुविधाएँ देने पर वे हर काम कर सकती हैं जो पुरूष या बेटा कर सकता है। अब वक्त आ गया कि सभी पुरूष एक अच्छे पिता होने का दायित्व निभाएँ। आज का समाज बेटियों के कारनामों के अनेको उदाहरण से भरा पड़ा है। हर क्षेत्र में महिलाएँ सफलता के झंडे फहरा रही हैं। आज भी समाज का एक वर्ग सब देखकर भी अनदेखा कर रहा है। इस अभियान में सबको नारीशक्ति का अहसास कराने एवं अपना दायित्व निभाने अभियान चलाया जाएगा। अब कोई भू्रण हत्या नहीं अब कोई पोषण में कोई पक्षपात नही। अब बेटी पढ़ेगी आगे बढ़ेगी।
सहायक संचालक महिला सशक्तिकरण मंजूषा शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के पर्व पर पंडालों में बेटी का महत्व बता उनका अधिकार दिलाने हेतु जन सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। आपने बताया कि जिला चिकित्सालय में नवरात्रि के शुभारम्भ अवसर पर बेटियों की माताओं को बर्तन का प्रदाय किया गया है। रैली पोस्टर बैनर आदि आयोजनो के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया जाएगा।