रजनीश सिंह की मौत के दोषियों के विरुद्ध हो कार्यवाही प्रबंधन की लापरवाही से हुई दुर्घटना – श्रीकांत शुक्ला
संतोष चौरसिया
रजनीश सिंह की मौत के दोषियों के विरुद्ध हो कार्यवाही
प्रबंधन की लापरवाही से हुई दुर्घटना – श्रीकांत शुक्ला
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा जमुना कोतमा क्षेत्र में दिनांक 05 अगस्त 2020 को हुई बहुत दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। कारण यह था कि कई वर्षों से क्षेत्र में कोई भी संघातिक दुर्घटना नहीं हुआ था और दिनांक 05 अगस्त 20 को लगभग 11बजे सुबह सांघातिक दुर्घटना का कलंक श्री रजनीश सिंह, इलेक्ट्रीशियन, उम्र -55 वर्ष की मौत के साथ लग गया। विगत एक वर्ष से क्षेत्र में कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई किंतु प्रबंधन लीपा – पोती कर मामले को दबाता रहा। यदि रजनीश सिंह जी का भी निधन न होता तब यह भी मामला प्रबंधन दबा देता ।
प्राप्त जानकारी अनुसार जमुना कॉलोनी के पाथरखेड़ा दफाई स्थित सबस्टेशन में बिजली आपूर्ति में आई खराबी को दूर करने जमुना टाउन के फोरमैन इंचार्ज और श्री रजनीश सिंह, इलेक्ट्रीशियन बिजली आपूर्ति को सुधारने के लिए गए थे। किंतु चश्मदीदों के अनुसार लगभग सुबह 11 बजे श्री रजनीश सिंह अकेले रहे एवं बिजली के खंबे पर चढ़े । जैसे ही वे चढ़े तुरंत ही बिजली का करेंट लगने से नीचे गिर पड़े, उनको गिरा देख और बेहोश पाकर, कुछ दूर मौजूद लोगों ने तुरंत एक जगह लिटाकर छाती दबाकर श्वसन क्रिया सक्रिय करने की कोशिश करने लगे फिर एक निजी वाहन से उन्हें क्षेत्रीय चिकित्सालय कोतमा कॉलरी, भालूमाड़ा लेे गए जहां चिकित्सकों ने श्री रजनीश सिंह को मृत घोषित कर दिया।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सब स्टेशन में कार्यरत श्री सुशील गौतम, इलेक्ट्रीशियन द्वारा बिजली आपूर्ति का शटडाउन लिया गया और मोबाइल फोन से फोरमैन इंचार्ज, टाउनशिप को सूचना दिया की शटडाउन ले लिया गया है । उसके बाद फोरमैन इंचार्ज, टाउनशिप ने श्री रजनीश सिंह को बताया की बिजली का शट डाउन हो गया है आगे का काम कर सकते हो । लेकिन फोरमैन इंचार्ज, टाउनशिप द्वारा बताया गया सुशील गौतम ने सीधे जानकारी श्री रजनीश सिंह को मोबाइल फोन से दी गई कि शट डाउन ले लिया गया है । किंतु वास्तविकता यह रहा कि शटडॉउन हुंआ ही नहीं था, जिसका परिणाम यह हुआ कि श्री रजनीश सिंह के बिजली के खंबे में चढ़कर कार्य शुरू करते ही करंट लगा जिससे नीचे गिर पड़े और दुखद निधन हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब श्री रजनीश सिंह बिजली के खंभे में चढ़े थे तब नीचे, आसपास कोई भी सहकर्मी साथ में मौजूद नहीं थे। लेकिन फोरमैन इंचार्ज, टाउनशिप ने बताया की दो आईटीआई प्रशिक्षु और एक ठेकेदारी कामगार साथ में था। इन संदिग्ध परिस्थितियों भी जांच होना चाहिए।
विगत कई माह से सब स्टेशन इंचार्ज और सुपरवाइजरों को यह जानकारी थी की शट डाउन करने पर भी गैंग स्विच काम नहीं करता और कभी-कभी बिजली की आपूर्ति स्वयं ही होने लगता है। इसकी जानकारी सभी अधिकारी और सुपरवाइजर्स को थी। फिर भी इतनी बड़ी गलती को बार-बार दोहराया जा रहा था। ऊपर से सबस्टेशन अटेंडर के अति महत्वपूर्ण एवं जिम्मेवारी भरे कार्य में नियम विरुद्ध एक आईटीआई प्रशिक्षु संध्या नाम की लड़की को नियुक्त किया गया था। सब स्टेशन में पदस्थ फोरमैन इंचार्ज एवं इंचार्ज अधिकारी का मुख्य कर्तव्य यही होता था की इतनी बड़ी खराबी सालों से होने पर भी अभी तक क्यों ठीक नहीं किया गया और सबस्टेशन अटेंडर के कार्य के लिए आईटीआई प्रशिक्षु को क्यों जिम्मेवारी दी गई। इसी प्रकार की कुछ माह पहली घटी दो घटनाओं से सीख लेकर तुरंत सुधार और मरम्मत कार्य क्यों नहीं किया गया। क्या इसी दुखद घटना का इंतजार किया जा रहा था। दिनांक 22 फरवरी 2020 को जब एस ई सी एल का वार्षिक सुरक्षा पखवाड़ा का समापन समारोह जमुना स्टेडियम में हो रहा था, जिसमें कंपनी भारत सरकार के महानिदेशक, खान सुरक्षा निदेशालय, सी एम् डी और कोल इंडिया के जे बी सी सी आई एवं सेफ्टी बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे वहीं दूसरी ओर कीर्ति मणि त्रिपाठी इलेक्ट्रिशियन बिजली खंबे में चढ़कर काम करते समय करंट लगा था। क्षेत्रीय चिकित्सालय में दाखिल कर उपचार किया गया फिर भी प्रबंधन ने लीपा पोती कर दूध से जलना सिद्ध करवा दिया। खान दो नंबर के एक हेल्पर को भी ठीक इसी तरह करंट लगा, जो बाल बाल मरते बचा। तब भी यही फोरमैन इंचार्ज, सब स्टेशन थे और इंजीनियर भी वही था जो इस घटना के समय पदस्थ है। संयुक्त श्रम संघ ने प्रबंधन से इसीलिए लिखित पत्र देकर मांग किया था संवेदनशील पदों में 03 वर्षों से एक ही पदस्थापना में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों जो संवेदनशील कार्य श्रेणी में आते है, उनका स्थानांतरण किया जाए । सब स्टेशन, फोरमैन इंचार्ज विगत 10 -15 वर्षों से एक ही इकाई में पदस्थ है। इंजीनियर को भी 6-7 वर्ष से ज्यादा समय हो गया है। किन्तु प्रबंधन भ्रष्टचार में लिप्त होकर गूंगी बहरी बन गई है। सबस्टेशन में पदस्थ इंजीनियर और फोरमैन इंचार्ज केवल एल पी एवं बिल भुगतान के कार्य को ही गंभीरता से मन से करते हैं। करोड़ों का बिल भुगतान साल भर में होता है किन्तु कर्मचारियों को काम के मूलभूत जरूरी औजार प्लायार्स, टेप, पेचकश आदि तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है। सुरक्षा उपकरण हैंड ग्लोब, सेफ्टी बेल्ट बिना पहने काम लिया जाता है, नो टच वोल्टेज डिटेक्टर और टेलीस्कोपिक डिस्चार्ज रॉड का उपयोग किया जाता तब इस तरह की दुर्घटना असंभव है। सबस्टेशन और टाउनशिप में काम करने वाले इलेक्ट्रीशियन ” नो टच वोल्टेज / इ एम् एफ डिटेक्टर” जानते ही नहीं है। जबकि सबस्टेशन में उपलब्ध है, वर्षों पूर्व क्रय किया गया है। सभी इकाइयों में दिए जाने की बात भी हुई थी
इस घटना के विश्लेषण से निष्कर्ष यह निकलता है कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चौपट है तथा कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण और औजार प्रबंधन उपलब्ध नहीं करवा रही हैं। जीवन रक्षक के जरूरी सुरक्षा उपकरण कर्मचारियों को नहीं जारी किए जाते हैं। जबकि क्षेत्रीय सुरक्षा अधिकारी कर्मठ ईमानदार और जागरूक है अर्थात उनके आदेश-निर्देश का पालन भ्रष्टचार में डूबे अधिकारियों द्वारा नहीं होता है। सब स्टेशन और क्षेत्रीय वर्कशॉप के प्रभारी इसी इंजीनियर के रहते दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसी इंजीनियर के प्रभारी रहते कृष्णा देवी, टर्नर का हाथ मशीन में कुचल गया था और आज महीनों बाद भी अपोलो हॉस्पिटल में उपचार जारी है। सुरक्षा समिति का निरीक्षण को बीच में कई महीने प्रबंधन ने क्यों बंद कर रखा था और महाप्रबंधक, समिति के निरीक्षण प्रतिवेदन को स्वयं क्यों नहीं पढ़ते है। आई.आर. और जेसीसी बैठक बहाल रहता तब कुछ कमिया-दोष उजागर होते । किन्तु प्रबंधन ने जानबूझकर सब बंद कर रखा है। प्रथम दृष्टया दोषी अधिकारी कर्मचारी को तुरंत निलंबित कर अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए ताकि जांच को प्रभावित ना कर सके और दुर्घटना की निष्पक्ष जांच हो सके एवं दोषियों के विरुद्ध जांच उपरांत कठोर कार्यवाही की जाए। ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी कर्मचारी लापरवाही पूर्ण तरीके से कार्य न करें।
जमुना कोतमा क्षेत्र के को.म.सभा/ एच एम एस के अध्यक्ष श्री श्रीकांत शुक्ला ने कहा कि संघ दुर्घटना की जांच हेतु दोषियों के विरूद्ध पुलिस थाना में प्राथमिक सूचना प्रतिवेदन पंजीबद्ध करवाएगा और श्री रजनीश सिंह के परिवार को हर सहयोग करेगा। आगे उन्होंने बताया कि यह दुर्घटना प्रबंधन के लापरवाह और भ्रष्ट कार्य आचरण का नतीजा है । जिसके कारण एक निर्दोष, ईमानदार, कर्तव्य निष्ठ कर्मचारी का दुखद निधन हो गया