अनूपपुर जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर ग्राम सकरिया में नहीं है मार्ग.
अनूपपुर जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर ग्राम सकरिया में नहीं है मार्ग.
2– बारिश में ग्राम वासियों का निकलना हो जाता है मुश्किल
3– कच्ची सड़क में पानी कीचड़ गड्ढों से निकलना मुश्किल
4—-मात्र 5 किलोमीटर पहुंच मार्ग नहीं बना सका प्रशासन
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा अनूपपुर जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत दुलहरा के ग्राम सकरिया के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं इसे विडंबना कहें या “विकास ” की जिला मुख्यालय से लगे गांव तक जाने के लिए सड़क तक नहीं है।
प्राप्त जानकारी में जिला मुख्यालय से लगे एवं जनपद जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत दूल्हेरा के ग्राम सक्रिय जहां लगभग डेढ़ 200 घरों की आबादी है इन ग्राम वासियों को अपने गांव से बाहर जाने के लिए आज तक सड़क नहीं बनी यह गांव वासी आज भी पुराने कच्चे मार्ग से ही आना-जाना करते हैं गांव के बच्चे बुजुर्ग महिला पुरुष को यदि गांव से बाहर स्कूल अस्पताल जिला मुख्यालय या कहीं भी जाना है तो इन ग्राम वासियों को गांव की किसी कच्ची सड़क से गुजर ना होता है बाकी मौसम में तो लोग किसी प्रकार से निस्तार कर लेते हैं लेकिन बारिश के मौसम में इस कच्चे रास्ते से निकलना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन होता है करण की 5 किलोमीटर तक किस कच्चे रास्ते में जगह-जगह पानी कीचड़ गड्ढे से चलना आसान नहीं।
मात्र 5 किलोमीटर की दूरी—- ग्राम सकरिया से मुख्य मार्ग चंदास नदी -मोहार टोला तक की दूरी 5 किलोमीटर है इसके बाद सीमेंट सड़क और फिर मुख्य मार्ग है लेकिन ग्राम वासियों को यदि अपने गांव से बाहर किसी भी कार्य के लिए इलाज के लिए जिला मुख्यालय जाने के लिए या कहीं भी जाने के लिए इन्हें 5 किलोमीटर का कच्चा रास्ता तय करना होता है उसके बाद मुख्य सड़क आती है लेकिन इस 5 किलोमीटर सड़क का निर्माण आज तक नहीं होने से ग्राम वासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों ने बताया कि सबसे अधिक समस्या बारिश में होती है बारिश में पूरा रास्ता दलदल युक्त हो जाता है जहां से पैदल निकलना भी मुश्किल है पूरे 5 किलोमीटर कच्चे रास्ते में गड्ढे पानी का भराव मिट्टी के कारण निकलना आसान नहीं होता वही जरूरत पड़ने पर कोई आपात स्थिति निर्मित हो जाए तो साइकल दो पहिया वाहन ही नहीं बल्कि चार पहिया वाहन भी नहीं निकल सकता बारिश में भारी मुश्किल—
बारिश में मार्ग की हालत इतनी खराब हो जाती है कि लोग अपना जरूरी काम करने के लिए भी गांव से बाहर नहीं जा पा रहे यहां के ग्रामीणों की यह समस्या कोई आज की नहीं है बल्कि वर्षों की है एक तरफ तो प्रशासन जिले में विकास की बात चारों और करोड़ों की सीमेंट सड़क और दूसरी ओर जिला मुख्यालय के नाक के नीचे ग्रामीणों को चलने के लिए मुरूम की सड़क तक नसीब नहीं है।
गांव के छात्र ने बताई अपनी पीड़ा— ग्राम सकरिया निवासी छात्र शिव चंद प्रजापति जो अनूपपुर तुलसी महाविद्यालय में छात्र हैं ने बताया कि गांव की सड़क नहीं बनने से पूरे गांव वालों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लोग अपने जीवन के लिए छोटी-छोटी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे क्योंकि उन सभी का गांव से बाहर निकलना मुश्किल सा हो गया है इस सड़क के लिए कई बार सरपंच सचिव यहां तक कि प्रशासन से भी गुहार लगाई है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं छात्र शिवचंद यही चाहता है उसके गांव की यह सड़क बन जाए।
इस संबंध में ग्राम पंचायत दुलारा के सचिव भोला सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि गांव में जरूरत के हिसाब से पहुंच मार्ग का काम कराया गया है सकरिया से मोहार टोला तक के लिए भी सड़क निर्माण का प्रस्ताव कई बार भेजा गया लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल पाई है