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*हसदेव क्षेत्र के संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा क्षेत्रीय महाप्रबंधक हसदेव क्षेत्र के समक्ष सौंपा गया 12 सूत्रीय मांग पत्र*

*हसदेव क्षेत्र के संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा क्षेत्रीय महाप्रबंधक हसदेव क्षेत्र के समक्ष सौंपा गया 12 सूत्रीय मांग पत्र*
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एटक, एचएमएस, बीएमएस, इंटक एवं सीटू पांचो श्रम संघो के फेडरेशन की दिनांक 21-09-2020 को हुई वर्चुअल बैठक में तथा एस०ई०सी०एल० के एटक, एचएमएस, बीएमएस, इंटक, सीटू एवं एसईकेएमसी संगठनो के नेताओ की दिनांक 26 सितम्बर 2020 को हुई वर्चुअल बैठक में निर्णय लिया गया था कि भारत सरकार द्वारा मजदूरों एवं किसानो के हितो के खिलाफ लगातार लाये जा रहे कानून के खिलाफ दिनांक 30-09-2020 को कोल इंडिया के सभी कंपनियों के क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जुलुस, प्रदर्शन, गेट मीटिंग कर संयुक्त रूप से 12 सूत्रीय मांग पत्र सौपा जायेगा | इसी तारतम्य में दिनांक 30 सितम्बर 2020 को हसदेव क्षेत्र के एटक, एचएमएस, बीएमएस, इंटक, सीटू एवं एसईकेएमसी संगठन के द्वारा संयुक्त रूप से सामाजिक दुरी बनाकर चेयरमैन कोल इंडिया को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र क्षेत्रीय महाप्रबंधक हसदेव क्षेत्र के समक्ष सौंपा गया।

इस अवसर पर एटक यूनियन के क्षेत्रीय सचिव काo श्री कन्हैया सिंह, एचएमएस यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री श्री अख्तर जावेद, बीएमएस यूनियन के श्री राजेश सिंह परिहार एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री रमाकांत तिवारी, सीटू के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री बघेला सिंह एवं क्षेत्रीय महामंत्री श्री देवेंद्र निराला, इंटक के क्षेत्रीय महामंत्री श्री जेपी श्रीवास्तव, एसईकेएमसी यूनियन के पदाधिकारी श्री सतीश डेहरिया उपस्थित रहे। इसके साथ ही क्षेत्रीय एवं इकाई स्तर के सभी यूनियन के पदाधिकारी एवम् सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित रहे- एटक यूनियन से काo रामशिरोमणि मिश्रा, काo राजेन्द्र गुप्ता, काo भास्कर पांडेय, काo रमेश कुमार, काo बृजभूषण सिंह, काo सिद्धेश्वर साहू, एचएमएस यूनियन से श्री सुनील पांडेय, श्री डीके चौधरी, श्री रामभजन यादव, श्री गुलाब यादव, इंटक यूनियन से श्री अशोक दुबे, बीएमएस यूनियन से श्री रवि नारायण दुबे व अन्य साथी, सीटू यूनियन से श्री जमील खान, श्री राजेश पटेल आदि सभी यूनियन के पदाधिकारी एवं सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

इस दौरान सभी ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओ में जबरदस्त उत्साह देखा गया | भारत सरकार की मजदूर विरोधी एवं किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश रहा तथा भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई ।

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