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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक, मध्यान्ह भोजन कर्मी यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में शहडोल के जय स्तंभ चौक पर विशाल आमसभा संपन्न हुई*

*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक, मध्यान्ह भोजन कर्मी यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में शहडोल के जय स्तंभ चौक पर विशाल आमसभा संपन्न हुई*
संतोष चौरसिया

शहडोल के जय स्तंभ चौक में दिनांक 26 नवंबर 2020 को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक, जिला मध्यान्ह भोजन कर्मी यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में विशाल आमसभा सुमन चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन, मध्यान्ह भोजन कर्मी यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के द्वारा शहडोल जिला के जयस्तंभ चौक के सामने धरना प्रदर्शन किया गया और कलेक्ट्रेट में जाकर केन्द्र सरकार की मज़दूर विरोधी, किसान विरोधी नीतियों को लेकर विभिन्न मुद्दों पर माननीय कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता विभा पांडेय, महासचिव, आंगनवाड़ी एवं सहायिका यूनियन (एटक) रहीं। विशेष वक्ता मीरा यादव, सुमन चौधरी, सामित अली रहे। इस कार्यक्रम में सरिता खरे, रेशमा बानो, गायत्री सोनी, विभा सिंह, द्रोपति सिंह, दुर्गेश सिंह, फूलबाई बैगा, अनारकली, लवली, सोना यादव, गुलझरिया सिंह, श्यामासिंह, देवकी, रामबाई वर्मा, सुधा कचेर,अमिता पांडेय, रिचा रामदेव, मालती पाव, प्रियंका प्रधान, भानमती, गुलबसिया, पार्वती, उमा चौधरी, कल्पना तिवारी,अरुणा तिवारी, तारावती, बेलसिया, बेला, फोक्सी, मीना व अन्य कार्यकर्ताओं सहित लगभग 250 लोग आमसभा में मौजूद रहे। मंच संचालन विकाश शर्मा ने किया

कामरेड विभा पांडेय, महासचिव, आंगनवाड़ी एवं सहायिका यूनियन (एटक) ने अपने उद्बोधन में कहा कि महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी बढ़ रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पहले केंद्र शासन एवं राज्य शासन पांच ₹5 हजार मानदेय देती थी बाद में आंदोलन के दम पर केंद्र सरकार ने 65सौ मानदेय कर दिया दुर्भाग्य है कि मध्यप्रदेश शासन ने अपना मानदेय ₹35सौ कर दिया है पहले भी ₹10 हजार मिलता था आज भी 10 हजार मिल रहा है। एटक यूनियन ने 2018 से 15सौ रुपए प्रतिमाह के हिसाब से एरियस देते हुए ₹11 हजार 5सौ प्रतिमाह मानदेय देने के लिए उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट दायर किया है आंगनबाड़ी में खाना बनाने वाली सभी बहनों को ₹5सौ तथा स्कूल में खाना बनाने वालों को ₹2 हजार दिया जाता है। एटक यह मांग करता है कि आंगनवाड़ी सहायिका, आशा कर्मी, रसोइयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए ग्रामीण विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, सस्ते राशन की दुकान से अनाज, बीपीएल कार्ड के लिए तरस रहे हैं। महिलाओं के साथ बलात्कार एवं प्रताड़ना चरम पर हैं। देश के किसानों के साथ सरकार अन्याय कर रहा है। देश के किसान आंदोलन पर है लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। वर्तमान की सरकार देश की संपत्ति को बेच रही है। इसके साथ ही अन्य वक्ताओं ने भी भारत सरकार व राज्य सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया। इन तमाम मुद्दों को लेकर मांग पत्र सौंपा गया

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