दस्तक अभियान 11 जनवरी से 13 फरवरी तक : बच्चों में कुपोषण, डायरिया, निमोनिया रोकने हेतु प्रशिक्षण सम्पन्न

अनूपपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 11 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक दस्तक अभियान चलाया जायेगा। दस्तक अभियान की सफलता हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले की 300 एएनएम/एलएचव्ही/सी. एच. ओ. का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। अभियान के अंतर्गत की जानेवाली गतिविधियों के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. एस. बी. चौधरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ. शिवेन्द्र द्विवेदी, जिला आई. ई. सी. सलाहकार मो. साजिद खान, डी. सी. एम. निश्चय चतुर्वेदी, आर. बी.एस. के. श्रीमती कंचन पटेल एवं जिला वैक्सीन कोल्ड चैन मैनेजर धनेश बेलिया, एम.एन. डी. राजेश मरावी, आर. आई. डाटा मैनेजर जय कुमार कहार, क्लीन्टन फाउंडेशन से शशिकांत शुक्ला, द्वारा जानकारी प्रदान की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी. डी. सोनवानी ने दस्तक अभियान के बारे में बताया कि अभियान में आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं एएनएम संयुक्त रूप से घर-घर जा कर 05 वर्ष से कम आयु के बच्चों की जानकारी प्राप्त कर विभिन्न प्रकार की बीमारियों की पहचान एवं उपचार कार्य करेंगी। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गंभीरता से काम करने के निर्देश दिये। महिला बाल विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वित कार्ययोजना तैयार कर कुपोषित बच्चों का चिन्हाकन कर उनके उचित इलाज की व्यवस्था करेगा। अभियान के अंतर्गत स्तनपान के चार संदेशों की भी जानकारी प्रदान की जायेगी। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. एसबी चौधरी ने बताया कि दस्तक अभियान के अंतर्गत 05 वर्ष से कम उम्र के गम्भीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान रेफरल एवं प्रबंधन, 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों में गम्भीर एनीमिया की पहचान कर उनका प्रबंधन, 09 माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण पिलाई जायेगी। 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त रोग के नियंत्रण के लिए ओ. आर. एस. की उपयोगिता के लिए सामुदायिक जागरूकता बढाने के लिए आशा एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर ओ. आर. एस पहुंचाई जाएगी और उनके बनाने की विधि को प्रदर्शित किया जाएगा। माता-पिता एवं परिजनों को शिशु एवं बाल आहार संबंधी समझाइश दी जाएगी। एस. एन. सी. यू. एवं एन. आर. सी. में भर्ती बच्चों को छुट्टी के पश्चात उनका फालोअप किया जाएगा। बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात गतिविधियों की पहचान की जाएगी। दस्तक अभियान की सफलता हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय टीबी चैनल पर स्क्राॅल का प्रदर्शन, हाॅट बाजारों में माईकिंग, ग्राम स्तर पर दीवार लेखन एवं पंचायत विभाग के सहयोग से ग्राम में रैली एवं डुग-डुगी के माध्यम से जनजागरूकता किया जावेगा।