श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण संपर्क महाअभियान की सामूहिक बैठक का हुआ आयोजन
रिपोर्टर राजेश सिंह

अनूपपुर। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण सम्पर्क महाअभियान की सामूहिक बैठक कोतमा नगर के मंगल भवन में 9 जनवरी शनिवार को 12 बजे दिन से आयोजित की गई। जिसमे कोतमा विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में रामसेवक उपस्थित हुए। बैठक शुभारम्भ पर सर्वप्रथम भगवान श्रीराम के छाया चित्र, गुरुजी व डॉक्टर साहब के छायाचित्र में दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मुख्य वक्ता के रूप में मंचासीन गंगा राजू, प्रदीप सिंह, राकेश शुक्ला ने उपस्थित रामसेवकों को राममंदिर निर्माण को लेकर जनजागरूकता लाने व समाज के हर तबके के लोगो को राममंदिर निर्माण में सहभागिता सुनिश्चित करने को लेकर उद्बोधन दिया गया। मंचासीन गंगा राजू ने अपने उद्बोधन में कहे कि राममंदिर निर्माण हेतु सन 1990 से लेकर आज तक लाखों कार्यसेवकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिये है। तात्कालीन मुलायम सिंह की सरकार द्वारा निहत्थे कार्यसेवकों व साधु संतों पर किस तरह गोलीबारी की गई। बाबरी गुम्बद पर भगवा ध्वज लहराते कोठारी बंधु गोली का शिकार हुए। हजारों कार्यसेवकों के शव में रेत की बोरी बांधकर सरयू नदी में फिंकवा दिए गए जिनकी लाश तक बरामद नही हुई। राम मंदिर मुद्दा हिंदुओ के आस्था की लड़ाई है। भारत वर्ष में राममंदिर मुद्दे को लेकर 500 वर्षों से हिंदुओ ने आक्रामक बाबर से लड़ाई लड़ी। अपने प्राणों की आहुति दिए हैं। भारत के सर्वोच्च सदन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद आज वो शुभ घड़ी आ गयी है। आज जब राममंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह हमारे इस पीढ़ी के लिए गर्व का विषय है कि यह पीढ़ी राममंदिर निर्माण की साक्ष्य बनेगी। व युगों युगों तक अपने आने वाली पीढ़ी को यह संदेष देगी। राममंदिर निर्माण में हमारे पूर्वजों ने भी सहभागिता निभाई है। आज समय कार सेवक बनने के साथ रामसेवक बन कर सहयोग करने का है। आज हमें अयोध्या में जाकर ईंट लगाने का कार्य नही करना है समय आज अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने सहयोग के रूप में 1 रुपये से लेकर जितनी आपकी स्वेक्षा हो जिसे आपका अंतर्मन स्वीकार करे। मंदिर निर्माण हेतु दान करें। लोगों में रामन्दिर निर्माण को लेकर जनजागरूकता लाएं व समाज के हर वर्ग से उनकी स्वेक्षानुसार 1 रुपये से लेकर जितना वो दान करना चाहे सहयोग लेकर मंदिर निर्माण में उनकी सहभागिता में सहयोग दें। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं व सभी धर्मों के लोग एक दूसरे धर्म के त्योहारों में शामिल होते हैं। राममंदिर निर्माण को लेकर किसी भी धर्म व आस्था से जुड़े लोग जो सहयोग करना चाहें वो राममंदिर निर्माण में सहभागी बन सकते है। वीरेन्द्र, राजेन्द्र तिवारी, हरिशंकर वर्मा, विजय शुक्ला, विवेक बियाणी, रामपाल पांडेय, नारायण केवट, सुदर्शन रैकवार सहित सैकड़ों की संख्या में रामसेवक उपस्थित हुए।