60 वर्ष से पूर्व रिटायरमेंट पर जारी आदेश पर ट्रेड यूनियन लीडर अख्तर ने उठाए सवाल

राजनगर कॉलरी। कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा 09 फरवरी 2021 को अधिवार्षिता (60 वर्ष की आयु) से पूर्व रिटायरमेंट की एक स्कीम जारी की है। कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड मे स्कीम प्रस्तुति से पूर्व और जारी करने से पहले श्रम संगठनों से कोई बात नही की गई। इस आदेश की मंशा डराने वाली है। सर्टिफाइड स्टैण्डिंग ऑर्डर्स की धारा 34 में और राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौतों, नियुक्ति पत्र मे 60 वर्ष की आयु को रिटायरमेंट की कानूनी आयु माना गया है। श्रमिक इससे पहले 15 दिन और एक माह (मन्थली स्टाफ) की नोटिस देकर, नोटिस की अवधि की समाप्ति के बाद या नोटिस अवधि का वेतन जमा कर त्याग पत्र इन्ही लाभ के साथ दे सकता है। फिर स्कीम की आवश्यकता क्या है। हिन्द मजदूर सभा से सम्बन्धित कोयला मजदूर सभा के उप महासचिव अख्तर जावेद उस्मानी ने इस स्कीम की नियत और नियति पर प्रश्न चिन्ह खडा करते हुये बताया कि माइन्स एक्ट से संबंधित कानूनों मे सक्षम व्यक्ति को मेडिकल फिटनेस के आधार पर 70 वर्ष की आयु तक नौकरी करने का प्रावधान है । इस स्कीम मे कंपनियों और कोल इण्डिया का बोर्ड कभी भी और कोइ भी संशोधन कर सकेगा। सरकार द्वारा तय की गई रिटायरमेंट उम्र मानी जा सकेगी। कोई मुआवजा नही दिया जायेगा। ये शब्दावली भविष्य के निहित संकेत है। यदि यह स्वैच्छिक है तो यही प्रावधान त्यागपत्र देने पर पहले से मौजूद है। पहले श्रम संख्या कम करने के नाम पर दिये गये व्हीआरएस में अतिरिक्त राशि का भुगतान किया जाता रहा है। यह बिमार,बूढ़े और अशक्त श्रमिकों को मृत्यु से पहले बाहर का रास्ता दिखा कर लाइफ कवर स्कीम लाभ और अनुकंपा नियुक्ति कम करने का प्रयास भी है क्योंकि 45 वर्ष आयु या अधिक आयु पर मृत्यु दर अधिक है। स्पेशल हाफ पे लीव और अल्टरनेटिव जाब कम करने तथा पहले सरफेस मे पूरी तरह ठेकेदारी प्रथा परमानेंट और पेरेनियल नेचर के काम मे ला कर कम मजदूरी दे उत्पादन करना चाहती है। अख्तर जावेद उस्मानी ने सवाल किया है कि जब त्याग पत्र की यही शर्ते हैं और वह भी स्वैच्छिक है तो यह स्कीम क्यो लाई गयी? श्रम संघों से चर्चा क्यों नही की गई? उन्होंने बताया कि पहले पत्र द्वारा विरोध जताने के बाद इस स्कीम का हिन्द मजदूर सभा हर स्तर पर विरोध करेगी।