5.85 करोड़ से अमरकंटक के पुष्कर बांध सहित 8 बांधों के जीर्णोद्धार के नाम पर लीपापोती का कार्य शुरू
रिपोर्टर श्रवण उपाध्याय

अमरकंटक। मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रदत्त की गई राशि 5.85 करोड़ की राशि जिसका उपयोग अमरकंटक के 9 बांधों का गहरीकरण, गाद निकालने तथा जीर्णोद्धार का कार्य किया जाना है,नर्मदा नदी का उद्गम स्थान अमरकंटक युगो युगो से श्रद्धालु भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है यहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं मां नर्मदा के जल में स्नान, दर्शन एवं परिक्रमा के लिए आते हैं। पुष्कर बांध यह मां नर्मदा नदी पर बना प्रथम बांध है जब से यह बांध बना था, उस समय से लेकर अब तक लगभग 25 सालों से इस बांध में वर्षा के जल के साथ मिट्टी अपरदन के कारण मिट्टी तथा लोगों द्वारा उपयोग की गई प्लास्टिक कूड़ा करकट इत्यादि इसी बांध में आकर इकट्ठा होती आ रही है बड़ी मुश्किलों के बाद अमरकंटक के रहने वाले मां नर्मदा भक्तों की टीम द्वारा पुष्कर बांध के गहरीकरण का कार्य योजनाबद्ध तरीके से सही क्रम में चल रही थी किंतु जब से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा 21 जनवरी 2021 को घोषणा के बाद 5.85 करोड़ की धनराशि अमरकंटक के 9 सरोवर, बांधों की गहरीकरण एवं गाद निकालने जीर्णोद्धार का कार्य की राशि स्टीमेट से 37 प्रतिषत नीचे लेकर ठेकेदार द्वारा प्रथम बांध पुष्कर बांध की गहरीकरण एवं गाद निकालने का कार्य शुरू किया गया है,जो कार्य हो रहा है वह संतोषजनक नहीं है,कार्य का प्रारंभ ही अत्यंत खराब है। गाद बिलकुल भी नहीं निकल रही है। इससे बेहतर कार्य तो मां नर्मदा भक्तों की देखरेख में हो रहा था। गहरीकरण एवं गाद निकालने के नाम पर केवल औपचारिक कार्य चल रहा है गाद की मोटी तथा गहरी परत के ऊपर की केवल आधी फिट परत निकाल कर बराबर कर दी जा रही है जो सही नहीं है इस तरह का कार्य उचित नहीं है इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि जब पहले बांध का ही कार्य संतोषजनक नहीं हैं तो बाकी 8 बांधों का कार्य कैसे उचित ढंग से हो पाएगा? इन सभी बांधों को गहरा और चैड़ा करने की आवश्यकता है ताकि इसमें वर्षा का पर्याप्त जल ठहर सके इससे वर्षा के जल का एक भी बूंद व्यर्थ नहीं जाएगा। अमरकंटक क्षेत्र के जनता और श्रद्धालुओं ने स्टीमेट के अनुसार नियमानुसार कार्य को कराए जाने की मांग की है।