नई दिल्ली। शहरी स्वच्छता अभियान अपने निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा करने में सफल रहा है। इससे देश को खुले में शौच मुक्त बनाने में मदद मिली है। पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के बाकी राज्यों के शहरी निकायों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर लिया है। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण में भी लक्ष्य को पार कर लिया है। शहरी स्वच्छता अभियान के दावों की तीसरे पक्ष से जांच भी लगभग पूरी करा ली गई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के शहरी निकायों के 96 फीसद वार्डो में हर घर से कूड़ा कचरा उठाने का बंदोबस्त कर लिया गया है। 60 फीसद शहरी निकायों में कचरे के निपटान का प्रबंधन किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में 65.81 लाख घरों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया, जबकि लक्ष्य 59 लाख शौचालय बनाने का लक्ष्य था। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में उत्साहजनक सफलता मिली है। देश के 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 4320 शहरी निकायों ने खुद को ओडीएफ घोषित कर लिया है। इनमें से 4167 शहरी निकायों की थर्ड पार्टी जांच भी करा ली गई है। लेकिन पश्चिम बंगाल के 52 शहरों ने अभी तक इसमें हिस्सा नहीं लिया है। स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत दो अक्तूबर 2014 को हुई थी। सरकार ने दो अक्तूबर को ही देश के ग्रामीण क्षेत्रों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। लेकिन शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की थर्ड पार्टी आडिट न हो पाने की वजह से फिलहाल छोड़ दिया गया है। साथ ही पश्चिम बंगाल के शहरी क्षेत्रों स्वच्छता के प्रदर्शन को देखते हुए यह लंबित है। मंत्रालय के जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 819 को ओडीएफ प्लस और 312 शहरों को ओडीएफ डबल प्लस घोषित किया गया है, जिससे शहरों में स्वच्छता और शौचालयों के उपयोग और उनकी सतत सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन के बारे में मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 96 फीसद शहरी वार्डो में कूड़ा हर घर से उठाया जाता है। जबकि 60 फीसद नगरीय कूड़े की प्रोसेसिंग की जाती है। स्वच्छता अभियान की सफलता को जांचने के लिए 12 मानक निर्धारित किये गये हैं। इंदौर, अंबिकापुर, नवी मुंबई और मैसूर पांच सितारा कूड़ा मुक्त शहर घोषित हो चुके हैं, जबकि 57 शहरों को तीन स्टार घोषित किया गया है और चार शहरों के एक स्टार बनाया गया है। स्वच्छता अभियान में अब 100 फीसद सीवरेज को साफ कर दोबारा उपयोग पर जोर दिया जाएगा।
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