अनूपपुर

तहसीलदार की कार्यवाही से व्यापारियों में रोष सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी जताया रोष

रिपोर्टर समर बहादुर सिंह

राजनगर। 31 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन के उपरांत 1 जून से अनुविभागीय अधिकारी कोतमा द्वारा रोस्टर के हिसाब से दुकान खोलने के लिए आदेश पारित किया गया था, जिसका पालन करते हुए व्यापारी अपनी दुकानें खोल रहे थे वही 2 जून को उक्त आदेश में कुछ संशोधन तो किया गया किंतु उक्त आदेश का नगर परिषद डूमर कछार में प्रचार प्रसार नहीं किया गया जिससे व्यापारी पुराने आदेश हिसाब से दुकानें खोल रहे थे वही 5 जून को कोतमा तहसीलदार मनीष शुक्ला दुकान खोलने के रोस्टर पद्धति को जांचने नगर परिषद डूमर कछार पहुंचे जहां व्यापारियों के द्वारा पूर्व के आदेश के हिसाब से दुकानें खोली गई थी जिस पर तहसीलदार मनीष शुक्ला द्वारा दुकानदारों के खिलाफ चालानी कार्यवाही के साथ-साथ दुकान सील करने की भी कार्यवाही की गयी, जबकि दुकानदारों के द्वारा यह बताया गया कि हमें नये आदेश की कोई जानकारी नहीं थी और ना ही हमें बताया गया फिर भी तहसीलदार द्वारा दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही की गई जिससे व्यापारियों में काफी रोष ब्याप्त है तो सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस कार्यवाही की निंदा की है और मांग की है कि ऐसी विपदा के समय प्रशासन जो आदेश जारी करता है पहले उसका प्रचार प्रसार करें उसके पश्चात ही कार्यवाही करें, लॉकडाउन के समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारियों के विरुद्ध चलानी कार्यवाही करना और दुकानें सील करना इस आपदा के समय में कहां तक नया संगत है? खासकर उन व्यापारियों का जिनको जारी आदेशों के बारे में ना तो किसी प्रकार की सूचना दी गई, ना मुनादी कराई गई और ना ही किसी प्रकार से सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी गई, यदि जिम्मेदार अधिकारी आदेश को जारी करते हैं और अपने पास तक सीमित रखते हैं या जिनको आदेश का वितरण करने की जिम्मेदारी है उनके द्वारा आदेश प्रसारित नहीं किया जाता है उसका व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है तो इसमें व्यापारियों और नागरिकों की कहां पर गलती है।

Related Articles

Back to top button