छत्तीसगढ़

प्रदेश के भाजपा सांसदों के ऊपर केंद्र का भरोसा नहीं, छत्तीसगढ़ के एक भी सांसद को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण

प्रदेश वासियों के द्वारा चुने गए भाजपा के सांसदों को मोदी सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में ना लेकर नकारा

‘‘जहां चुनाव वहां मंत्री बनाओ’’ की भाजपा की अवसरवादी नीति-सौरव मिश्रा
उत्तर प्रदेश और गुजरात में है इलेक्शन वहां के सांसदो का मंत्रीमंडल में हुआ इसलिए सलेक्शन
कोरिया। मोदी सरकार के मंत्री मंडल के विस्तार में छत्तीसगढ़ को अवसर नहीं मिलने पर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सौरव मिश्रा ने इसे मोदी शाह की मनमानी करार देते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ के 11 सांसद होने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ के एक भी सांसद को केन्द्रीय मंत्रीमंडल विस्तार में जगह नहीं। वहीं चुनावी राज्य में उत्तर प्रदेश व गुजरात को मंत्री मंडल में ज्यादा स्थान देना कि मोदी और शाह की राजनितिक स्वार्थ से लबरेज चुनावी राजनीति का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ को मंत्रीमंडल विस्तार में अवसर नहीं मिलना अन्याय की पराकाष्ठा है। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सौरव मिश्रा ने मंत्रीमंडल के विस्तार पर तंज कसते हुये कहा है कि “उत्तर प्रदेश और गुजरात में है इलेक्शन इसलिये वहां के सांसदो का हो रहा है मंत्रीमंडल में सलेक्शन।” पूर्व में तीन-तीन केन्द्रीय मंत्री स्व. दिलीप सिंह जुदेव, डॉ. रमेश बैस और डॉ. रमन सिंह केन्द्रीय मंत्रीमंडल में रहे है। छत्तीसगढ़ में एक समय में दो-दो केन्द्रीय केबिनेट मंत्री रहे है। जिला कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता सौरव मिश्रा ने कहा है कि आज केन्द्रीय मंत्री मंडल में छत्तीसगढ़ का मजबूत प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ की जनता की आवाज दिल्ली में सही तरीके से नहीं उठ पा रही है। केन्द्र सरकार के आगे छत्तीसगढ़ के भाजपा के सांसद छत्तीसगढ़ की आवाज उठा पाने में असफल साबित हो रहे है। भाजपा से छत्तीसगढ़ के लोग निराश हो चुके है। भाजपा की केन्द्र सरकार में छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय हो रहा है। छत्तीसगढ़ के किसानों को खाद नहीं मिल रही है। छत्तीसगढ़ को टीके नहीं मिलने के कारण वैक्सीनेशन बंद है। छत्तीसगढ़ को राज्य के हक, जीएसटी का बकाया 26 हजार करोड़ रू. की राशि केन्द्र सरकार नहीं दे रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चांवल लेने से सरकार इंकार करती है। जिला प्रवक्ता सौरव मिश्रा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के 11 में से एक भी सांसद को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में स्थान नहीं देना अन्याय। भाजपा के छत्तीसगढ़ से 11 सांसद है। 9 लोकसभा सदस्य और दो राज्यसभा सदस्य है। छत्तीसगढ़ के इन 11 सांसदो को भाजपा का नेतृत्व इस योग्य क्यों नहीं समझता कि वे छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व केन्द्रीय मंत्रीमंडल में करें? छत्तीसगढ़ को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में कम से कम तीन स्थान मिलना था। मिश्रा ने कहा है कि कोरोना काल में छत्तीसगढ़ के साथ केन्द्र सरकार राजनैतिक भेदभाव कर रही है। वैक्सीन नहीं मिलने के कारण टीकाकरण नहीं हो पा रहा है, खाद नहीं मिलने के कारण किसानों की खेती नहीं हो पा रही है। केन्द्र सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की उपेक्षा कर रही है। ऐसे समय में मोदी मंत्रीमंडल का विस्तार हो रहा है तो हर छत्तीसगढ़वासी की यह भावना है कि छत्तीसगढ़ को मोदी मंत्रीमंडल में अधिक से अधिक स्थान मिले। छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार में ऐसा सशक्त प्रतिनिधीत्व मिले जो छत्तीसगढ़ के हितों की बात रख सके। छत्तीसगढ़ के हित में जो सोचता हो ऐसे व्यक्तियों को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में स्थान मिलना चाहिये। केन्द्रीय मंत्रीमंडल में छत्तीसगढ़ को पहले दो-दो केबिनेट मंत्री रहे है। इसी प्रकार इस बार छत्तीसगढ़ को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व मिले, यह भावना हर छत्तीसगढ़वासी के हृदय में है।

 

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