छत्तीसगढ़

कोरिया जिले के जटाशंकर धाम में सावन के महीने में पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु

मनेन्द्रगढ़। घने जंगलों और दुर्गम रास्तो के बीच कोरिया जिले में प्रसिद्ध जटाशंकर धाम स्तिथ है । मनेन्द्रगढ़ विकाशखण्ड के सोनहरी या फिर बैरागी से होकर यहां तक पहुंचा जा सकता है। सोनहरी के घने जंगल मे कच्चे मार्ग से होते हुए आंगे करीब पांच सौ सीढ़ियां उतर कर धाम परिसर में पहुंचा जा सकता है वही बैरागी के रास्ते भी श्रद्धालु यहां दो पहाड़ो को पार कर पैदल पहुँचते है ।सावन के महीने में यहां बड़ी दूर-दूर से श्रद्धालु आते है और यहां सकरी गुफा में प्राकृतिक रूप में विराजे भोलेनाथ के दर्शन करते है। मान्यता यह भी है की इस धाम में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। सावन महीने के चौथे सोमवार को भी श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में पहुँचे और पूजा अर्चना की । गुफा में विराजे भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भोले के भक्तों को घुटने के बल 52 हाथ अंदर जाना होता है और उसी तरह बाहर आना पड़ता है। जंगलों के बीच स्थित जंगल मे स्तिथ जटाशंकर धाम में आने के बाद भक्तों को बड़ी शांति मिलती है । श्रद्धालु यहां अपने साथ यहां भोजन सामग्री लेकर आते है और यही पर भोग बनाकर प्रसाद के रूप में उसे ग्रहण करते है। इस धाम में शिव दास नामक बाबा अकेले रहते है जो कई वर्षों से रहकर भोले की सेवा कर रहे है। छतीसगढ़ के कोरिया जिले के अलावा मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के अलावा अन्य स्थानों से श्रद्धालुओं का यहाँ साल भर आना जाना लगा रहता है।

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