मोहर्रम का पर्व अकीदत और अदब के साथ मनाया गया

अनूपपुर। नगर में मातमी पर्व मोहर्रम का त्यौहार अकीदत और अदब के साथ मनाते हुए अमन और शांति की दुआएं मांगी गई। माहे मोहर्रम की दसवीं तारीख 20 अगस्त जिसे मुस्लिम समाज योमे आशूरा के रूप में मनाता है आज के दिन ही कर्बला के मैदान में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन और उनके 72 जांनिसार साथियों ने शहादत पेश कर दीन इस्लाम को बुलंदी बख्शी थी शरीयत का तहफ्फुज किया था, भालूमाडॉ जमुना क्षेत्र में भी मातमी पर्व मोहर्रम का त्यौहार पूरी अकीदत और अदब के साथ मनाया गया। गुरुवार देर शाम भालूमाडॉ नगर के वार्ड क्रमांक 11 दफाई नंबर 3 अंजुमन इस्लामिया रजबिया बड़ी मस्जिद में ताजिया रखी गई जहां लोगों ने इबादत की फातिया किया गया वहीं लोगों ने लंगर बांटे इस दौरान देर रात तक लोगों का आने का सिलसिला जारी रहा और हर कोई शांति भाईचारा की दुआएं मांगे। नहीं निकला जुलूस हालांकि मोहर्रम पर्व के दिन नगर में ताजिए का जुलूस नहीं निकाला गया करण की कोरोना वायरस गाइड लाइन के अनुसार शासन द्वारा जुलूस निकालने की मनाही की गई थी जिसका पालन नगर के मुस्लिम समाज के लोगों ने किया और मोहर्रम का पर्व ताजिए को बड़ी मस्जिद के पास रख कर ही किया गया जहां गुरुवार की शाम से लेकर शुक्रवार शाम तक जगह-जगह लंगर प्रसाद बांटे गए जिसमें नगर के सभी लोग शामिल हुए।




