जमुना कोतमा क्षेत्र की लाइफ लाइन पर लगा विराम ओबी और कोयले का उत्पादन हुआ बंद
जमुना कोतमा क्षेत्र की लाइफ लाइन पर लगा विराम ओबी और कोयले का उत्पादन हुआ बंद
जिला प्रशासन की उदासीनता से प्रतिदिन हो रहा लाखों रुपए के राजस्व की हानि
अनूपपुर ।एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की आमाडांड खुली खदान परियोजना जो जमुना कोतमा क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाती है इस खदान से ओबी और कोयले का उत्पादन पूरी तरह से ठप पड़ा है जिसके कारण से प्रतिदिन 29 लाख 87हजार के राजस्व की हानि राज्य सरकार को रॉयल्टी के तौर पर मिलने वाली धनराशि का नुकसान हो रहा है तो वही कोल इंडिया को भी भारी क्षति पहुंच रही है जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण ऐसी स्थिति निर्मित होना बताया जा रहा है यदि समय रहते जिला प्रशासन समस्याओं का समाधान कराने में एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र के प्रबंधन का सहयोग नहीं करता है तो यह नुकसान बढ़ने के साथ ही साथ जमुना कोतमा क्षेत्र के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग सकता है क्योंकि यही एक खुली खदान परियोजना है जिसके उत्पादन के दम पर जमुना कोतमा क्षेत्र का भविष्य निर्भर है

12 अगस्त से बंद है को ओबी हटाने का कार्य
एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की आमाडांड खुली खदान परियोजना में कोयला उत्पादन से पहले मिट्टी हटाने का जो कार्य किया जाता है वह मिट्टी हटाने का कार्य पिछले 12 अगस्त 2022 से इसलिए बंद है कि वहां पर स्थानीय कुछ ग्रामीणों के विरोध के चलते प्रबंधन अपना कदम पीछे हटा लिया है और जिला प्रशासन कोई सहयोग प्रदान नहीं कर रहा है ।12 अगस्त 2022 तक जो मिट्टी हटाई गई थी उसी स्थान पर केवल उत्पादन कार्य 5 अक्टूबर 2022 तक प्रबंधन द्वारा किया गया इसके पश्चात कोयले का उत्पादन भी पी/6 पैच में बंद पड़ा हुआ है
अपात्र लोग खदान पर कर रहे अतिक्रमण
बताया जाता है कि एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र की आमाडांड खुली खदान परियोजना जहां पर ओवी और कोयले का उत्पादन चल रहा है उसी स्थान पर कुछ पात्र तो कुछ अपात्र लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर झोपड़ी बनाते हुए खदान के संचालन में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है जिस जगह पर अपात्र लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है उस जगह को एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पहले से ही अधिग्रहित की जा चुकी है इसके बाद भी कुछ लोग निजी स्वार्थों के चलते खदान के संचालन में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं
प्रबंधन द्वारा स्वीकृत किया गया रोजगार
आमाडांड खुली खदान परियोजना के लिए किसानों की की गई अधिकृत जमीन के बदले अप्रैल 2022 से लेकर अभी तक 35 लोगों का रोजगार प्रबंधन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है और 22 लोगों के रोजगार की प्रक्रिया एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में लंबित चल रही है जिसे प्रबंधन द्वारा शीघ्र पूरा किए जाने की बात कही जा रही है
मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश का नहीं हो रहा पालन
आमाडांड खुली खदान परियोजना के उत्पादन कार्य बंद होने की जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंची है और उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के आला अधिकारियों को खदान के संचालन किए जाने हेतु दिशा निर्देश दिए थे लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी इस ओर जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दिया जिसके कारण से उत्पादन कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है और शासन के राजस्व को भारी नुकसान पहुंच रहा है जिला प्रशासन को मामले में किसानों और प्रबंधन के बीच आपसी तालमेल बैठाना होगा जिससे कि खदान का संचालन प्रारंभ हो सके और जमुना कोतमा क्षेत्र के भविष्य के साथ ही किसानों का भविष्य भी सुरक्षित हो सके।