नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर के बदले उपचार शिविर क्यों नहीं
राजेश सिंह अनूपपुर। हमारे जिले में समय-समय पर दीन दुखियों पर रहम करने वाले बड़े-बड़े चिकित्सालय और बड़े-बड़े डॉक्टर विभिन्न क्षेत्रों में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाते हैं ताकि जनता को राहत मिल जाए और वह आसान तरीके से अपनी सेहत का राज समझ सके, लेकिन हमारी जांच परख के लिए आयोजित होने वाले इस तरह के शिविर का नाता एक बड़े कारोबार से जुड़ा हुआ है।
हो सकता है हमारी सोच विचार, लेखन पर सभी सहमत ना हो लेकिन इस तरह के जो आयोजन किए जाते हैं उस आयोजन पर उन गिद्धों की पैठ होती है जो अपने हिस्से का टुकड़ा दूसरों तक नहीं जाने देना चाहते हैं अक्सर हम आप देखते हैं कि नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर के नाम पर पीड़ित और अन्य लोगों को आमंत्रित किया जाता है शिविर में लोग पहुंचते हैं और अपनी जांच कराते हैं लेकिन जांच के उपरांत जो हमारे आपके अंदर कमियां पाई जाती हैं उनका उपचार शिविर में मौजूद डॉक्टर अपने चहेते चिकित्सालय में उपचार कराने की सलाह देते हैं फिर यहीं से शुरू होता है इंसान के जीवन का सौदा और इस सौदे में डॉक्टर से लेकर चिकित्सालय प्रबंधन और मेडिकल से जुड़े हुए तमाम संस्थाओं की सहभागिता होती है ,
हम बात को आगे ना बढ़ाते हुए सीधे सवाल पर आते हैं कि आखिर जब नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया जाता है तो ऐसे ही क्यों ना नि:शुल्क उपचार किया जाए। जिससे कि गरीब असहाय के नाम पर जो तंबू गडता है कम से कम कमजोर वर्ग के लोगों के लिए संबल बन सके और आपके चकाचौंध से भरे बड़े चिकित्सालय के बड़े बोझ से बच सके।