अनूपपुर

विद्यालय के बच्चों ने प्रस्तुत किया भव्य कार्यक्रम

भगवान का किरदार निभाया विद्यालय के बच्चों में


राजेश सिंह

अनूपपुर lलिटिल स्टेप्स प्ले स्कूल में दशहरा उत्सव बड़े ही पारंपरिक तरीके से मनाया गया l बड़े ही खूबसूरत, दिल को छू लेने वाला और अपने बीते दिनों को याद दिलाने वाला एक पवित्र सामाजिक और सीखने वाला इवेंट संपन्न हुआ l ऐसे दृश्य को देखकर आप भावुक और गर्व दोनों महसूस कर सकते हैं।बच्चे राम,सीता,लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न और हनुमान जैसे किरदारों की वेशभूषा में उपस्थित हुए और जानकी स्वयंवर और राम
,सीता और लक्ष्मण बनवास का दृश्य परफॉर्म करके दिखाया l स्कूल के टीचर्स ने राम और रावण के संस्कारों में अंतर बताया lआमतौर पर ऐसे दृश्य आजकल कम ही देखने को मिलते हैं और ऐसे समय में रामायण की कुछ दृश्यों का बच्चों से प्रदर्शन करवाना और रामायण और राम के चरित्र के बारे में उन्हें सिखाना आजकल के समाज में बहुत सराहनीय कदम है l

असिस्टेंट टीचर अंजली मिश्रा बताती है किमर्यादा पुरुषोत्तम राम भगवान नहीं बल्कि एक जीवन जीने की शैली का नाम है l एक व्यक्ति को भगवान राम की तरह जीवन जीने की कोशिश चाहिए l राम हमें सिखाते हैं धैर्य, वचनबद्ध, आत्मविश्वास, पराक्रम और कभी हार ना मानने वाला lअसिस्टेंट टीचर जागृति रैकवार ने बतायाराम जब राजा बनने वाले थे तब उन्हें उसकी कोई खुशी नहीं थी और जब उन्हें वनवास हुआ तब उन्हें उसका कोई दुख नहीं था l
पत्नी का अपहरण रावण ने कर लिया और छोटा भाई मूर्छित है पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी, और पूरे आत्मविश्वास के साथ लड़े और जीते lप्रशांत अग्रहरी ने इवेंट की सफलता के पीछे अपने लिटिल स्टेप्स स्टाफ को बताया lऔर यह भी कहा की भगवान राम के जीवन से आने वाली पीढ़ी बहुत कुछ सीख सकती है l
हर पॉजिटिव सोच जैसे कि खाने को बांट के खाना, एक दूसरे की मदद करना, अच्छी सोच रखना और केवल अच्छा करने का प्रयास करना
राम की सोच है और हर नेगेटिव सोच रावण की सोच है l

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