पुलिस ने लग्जरी वाहन सहित आरोपियों को किया गिरफ्तार
गांजा तस्करी के लिए उड़ाया था वाहन, 70 हजार मे बेचा 21 लाख का वाहन

अनूपपुर। कोतमा थानांतर्गत वार्ड क्रमांक-5 निवासी जनपद इंजीनियर अनिल भटनागर की वाहन चोरी के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। वाहन को गांजा तस्करी करने के लिए चोरी किया गया था। पकडे गये आरोपियो मे सरगना निखिल मिश्रा, अपने साथी रितेष 28 वर्ष पिता गजराज सिंह निवासी फिल्टरटोला, राजा उर्फ आकाश 23 वर्ष पिता ओमप्रकाश दास, मो. वकील 28 वर्ष पिता जलील दोनो निवासी गौरेला को गिरफ्तार किया है। मामले मे पुलिस ने सभी आरोपितो के खिलाफ धारा 379 आईपीसी दर्ज कर गुरुवार को न्यायालय मे पेश किया। पुलिस ने बताया कि चोरो की पतासाजी के दौरान निखिल मिश्रा के खिलाफ शंका होने पर संदेही के रुप मे पकड़ा तो पूंछतांछ मे निखिल ने बताया कि मोहल्ले के एक नाबालिग को पैसा देते हुए चाबी को मंगवाया था और अपने पास रखा था। जिसके बाद चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। उक्त घटना में बताया गया कि 16 अक्टूबर को अनिल भटनागर ने थाने मे रिर्पोट दर्ज कराई कि 15 अक्टूबर की दरम्यिानी रात को घर के सामने खडे वाहन एक्सयूव्ही नम्बर एमपी 18सी 9764 को अज्ञात चोरो के द्वारा चोरी कर लिया गया है। पुलिस को बताया कि एक सप्ताह पूर्व वाहन की चाबी भी गुम गई थी। टीम तत्काल सक्रिय होते हुए जीपीएस के आधार पर अमरकंटक के जंगल से वाहन को जब्त करने के बाद आरोपियो को भी दबोचा गया। आरोपी ने पूछताछ मे पुलिस को बताया कि नवरात्रि के बाद एक गाडी बुकिंग मे लेकर गौरेला गया था और वही पर आकाश एवं वकील से चर्चा हुई कि एक वाहन गांजा तस्करी के लिए चाहिये उसका तुम्हे पैसा मिलेगा। आरोपी ने अपने साथी रितेष के साथ 10 हजार देने की बात कही। चोरी कराए चाभी से घटना की दरमियानी रात वाहन चोरी कर ले गया। गाडी को 70 हजार रुपये मे राजा उर्फ आकाश एंव मो. वकील को बेच दिया। उक्त आरोपी राजा उर्फ आकाश 2017 मे गांजा तस्करी मे छत्तीसगढ के धमतरी मे पकडा गया था छूटने के बाद अनूपपुर के गांजा तस्करो के साथ मिलकर पुनः गांजे के अवैध कारोबार मे सक्रिय रहा। आरोपी आकाश ने पुलिस को बताया कि अनूपपुर के गांजा माफियाओ ने उससे कहा था कि एक गाड़ी की व्यवस्था करो, जिससे उड़ीसा से गांजा लाया जा सके। जिसके लिए उसने कोतमा निवासी मास्टर माईंड निखिल मिश्रा से सम्पर्क कर वाहन की चोरी करवाई। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन मे उपनिरीक्षक उपेन्द्र त्रिपाठी, विवेक द्विवेदी, एएसआई अरविन्द्र दुबे, गोविन्द प्रजापति, प्रधान आरक्षक अमित घारु, संजय शाह की सराहनीय भूमिका रही।