जब तहसीलदार ने अपने ही राजस्व कर्मचारी पर लगाया आरोप
बटांकन के लिए डाला दबाव, जनचौपाल में हुई शिकायत तो कलेक्टर नें दिया जांच का निर्देश,मची खलबली

गड़बड़ी में तत्कालीन पटवारी अमित तिवारी का भी नाम आया सामने
कोटा मे फर्जी चौहद्दी जमीन रजिस्ट्री का विवाद आया सामने
राजस्व अधिकारियों और भूमाफियाओं की सांठगांठ उजागर,विभाग में मची खलबली
सरकारी व्हाट्सअप ग्रुप में तहसीलदार प्रांजल मिश्रा ने लिखकर डाला था दबाव मामले को दबाने का किया जा रहा प्रयास
बिलासपुर। कोटा में राजस्व नियमों की अनदेखी कर छल कपट, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज और फर्जी चौहद्दी तैयार कर हो रही रजिस्ट्री पर सूत्रों के हवाले से खबर निकल कर आ रही है कि तहसीलदार द्वारा भूमाफियाओं और जमीन दलालों को उपकृत करनें आर आई और पटवारियों पर बटांकन और नामांतरण के लिए डाला जा रहा दबाव। भूमाफियाओं के द्वारा ना नगर पंचायत से एनओसी लिया गया है ना सीमांकन कराया गया है और ना ही डायवर्सन और धड़ल्ले से राजस्व नियमों के विपरीत अवैध प्लाटिंग कर रजिस्ट्री किया जा रहा। मजे की बात यह है कि उप पंजीयक द्वारा पंजीयन के पूर्व मौका मुआयना ही नहीं किया जाता। वैसे इस बात में कोई दो राय नही है कि इन दिनों राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी सिविल सेवा आचरण अधिनियम और भू राजस्व सहिंता को दरकिनार कर भूमाफियाओ के सामने नतमस्तक हैं। भूमाफियाओं के साथ मिलकर राजस्व अफसरों द्वारा भू-राजस्व नियमों के साथ खिलवाड़ करते हुए फर्जी चौहद्दी, फर्जी नक्शा पेश कर धोखाधड़ी का नंगा नाच किया जा रहा है। जिससे वर्षों से अपनी भूमि स्वामी हक की भूमि पर काबिज़ भू स्वामियों का दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है।
विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी में भूमाफिया अफसरों को या तो पार्टनर बना रहे है या फिर मोटी रकम देकर काम कर रहे है।कुछ ऐसे दस्तावेज जो साबित कर देंगे कि चंद रुपयों के लालच में अधिकारी अपने ही मातहतों पर नियम विरुद्ध काम करनें का दबाव बना रहे हैं। इस मामले में तहसीलदार प्रांजल मिश्रा और पटवारी अमित तिवारी ने मिली भगत करके फर्जी चौहद्दी तैयार जमीन का रजिस्ट्री के बाद ना केवल नामांतरण किया है वरन शीघ्र बटांकन के लिए सरकारी वाट्सअप ग्रुप में दबाव डाल, भूमाफियाओं को उपकृत करनें जैसा काम किया है,जिसकी शिकायत भी जिले के कलेक्टर के पास जनदर्शन में हुई है। सूत्र तो मीडिया को यह भी बता रहे है कि तहसीलदार प्रांजल मिश्रा ने बटांकन के लिए एक राजस्व कर्मचारी पर हद से ज्यादा दबाव डाला और कहा कि हर हाल में काम करके दो,बटांकन करके दो और जब देखा की बात नहीं बन पा रही है तो उसकी शिकायत करवा दी खैर यह तो विभागीय मामला है जहा पर आपसी खींचतान चलते रहता है लेकिन तहसीलदार प्रांजल मिश्रा इस तरह से भूमाफियाओ के लिए अपने ही कर्मचारियों पर दबाव डालकर काम करवायेंगे? शायद यह किसी ने भी नहीं सोचा था दरअसल शिकायत के अनेकों मामले सामने हैं फौती, नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन, नक्शा पास आदि आदि, किंतु उपरोक्त शिकायतों के आधार पर पहला मामला ग्राम कोटा प.ह.न. 33 स्थित भूमि खसरा नंबर 384/2 (शामिल 387/3) का है। भूमाफिया फर्जी काम के बदले, राजस्व अधिकारी को गिफ्ट में दे रहे जमीन का टुकड़ा, नाते रिश्तेदारों के नाम पर हो रही रजिस्ट्री, सौदे में दिए गए चेक नहीं होते क्लियर।
पटवारियों को साहब का सख्त निर्देश,अभी नामांतरण नहीं करना सालों बाद दिया जाता है शपथ पत्र,हमारे सौदे में किसी प्रकार का लेनदेन बकाया नहीं। नामांतरण किया जाय। ऐसे सैकड़ों नामांतरण के मामले जो आज भी लंबित हैं क्यों? यह भी जांच का विषय है। उच्च स्तरीय जांच किए जाने पर कई प्रकार के और मामले उजागर होने की संभावना है, इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की नितांत आवश्यकता है।