अनूपपुर

2 साल उपरांत भी रेलवे प्रबंधन ने बंद नहीं कराई अमलाई की साइडिंग पीसीबी के आदेश की अवहेलना

रिपोर्टर संजीत सोनवानी

अमलाई। नगर परिषद बकहो के वार्ड क्रमांक 15 के रहवासी अमलाई साइडिंग से हो रही प्रदूषण की समस्या को लेकर कई बार शिकायतें दर्ज करा चुके हैं किंतु उनकी शिकायतों पर अभी तक निराकरण नहीं किया गया है जिसके कारण वार्ड के वासियों में प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। बताया जाता है कि साइडिंग संचालक द्वारा प्रदूषण मानकों को ताक पर रखकर साइडिंग चलाया जा रहा है नियम के विरुद्ध साइडिंग संचालित होने पर अमलाई रेलवे साइडिंग को बंद करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे को पत्र 2 साल पूर्व लिखा गया था किंतु रेलवे प्रबंधन ने 2 साल के उपरांत भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जिसके कारण आसपास के रहवासियों को प्रदूषण की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है नागरिकों की मानें तो रेलवे साइडिंग में कोयले की डंपिंग और लोडिंग के साथ ही मनमाने तरीके से मिक्सिंग का काम भी होता है इसमें उड़ने वाले डस्ट से लोग परेशान हैं और बीमार पड़ रहे हैं साइडिंग से उड़ने वाले कोयले के दस्त से सामान्य दिनचर्या पर भी असर पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा द्वारा 20 नवंबर 2020 को जारी पत्र में कहा गया था कि 3 नवंबर को क्लोज नोटिस में 15 दिन का जवाब मांगा था किंतु रेलवे प्रबंधन द्वारा जवाब नहीं दिया गया ऐसे में यह स्पष्ट होता है कि स्पष्ट होता है कि नोटिस में प्रदूषण मानकों के विपरीत शेडिंग संचालन की बात सही है ऐसे में प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 31 क के प्रावधान अनुसार निर्देश दिए जा रहे हैं कि अमलाई साइडिंग का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस आदेश को 2 साल बाद भी सेंट्रल ईस्ट रेलवे द्वारा अमलाई रेलवे साइडिंग के संचालन पर मेहरबान है।

नागरिकों ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन

इंदिरा नगर के वासियों ने आमला साइडिंग से हो रही प्रदूषण की समस्या के निदान के लिए शहडोल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और यदि समस्या का निदान 7 दिवस के अंदर नहीं किया गया तो वार्ड के वाशिंदे आंदोलन हेतु बाध्य होंगे।

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