कार्तिक पूर्णिमा पर महानदी में दीपदान के साथ श्रद्धालुओं ने नदी में लगाया डुबकी

(भानु प्रताप साहू/प्रबलखूंटे)
डोंगरीडीह। कार्तिक पूर्णिमा मंगलवार को पूरे प्रदेश भर में मनाया गया। भारतीय संस्कृति में कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कई धार्मिक आयोजन, पवित्र नदी में स्नान, पूजन और कर्मकांड का विधान है। वर्ष के बारह मासों में कार्तिक मास आध्यात्मिक एवं शारीरिक ऊर्जा संचय के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम डोंगरीडीह में हर वर्ष भांति इस वर्ष भी सैकड़ों श्रद्धालु मध्य रात्रि के ठिठुरते ठंण्ड में महानदी आकर स्नान किए। और नदी में दिया प्रज्वलित किए। नदी में स्नान कर रहे ग्राम के भोजराम खूंटे ने बताया कि पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सालभर के गंगा स्नान का फल मिलता है। इस दिन सिर्फ गंगा ही नहीं बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में पवित्र मानी जाने वाली और पूजी जाने वाली नदियों और सरोवरों में भी श्रद्धालु स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का भी खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दीपदान करने से पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है। इसके अलावा अन्य प्रमुख तीर्थ स्थानों पर भी दीप दान किया जाता है। ग्राम के सरपंच एवं महानदी युवा समिति द्वारा इस अवसर पर खीर पुड़ी का प्रसाद वितरण किया गया साथ ही गाजे-बाजे का भी व्यवस्था किया गया।
सुबह तक लगी रही भींड़
मंदिर के प्रसाद वितरण और व्यवस्था में महानदी युवा समिति के अध्यक्ष- बसंत घृतलहरे व उपाध्यक्ष- बीसनी पाटले तथा समूह के सदस्यगणों में चंन्द्रकुमार, छोटेलाल, कृष्णा, नक्कू, सुरेश, शशि, सुर्या, आकाश, ओम, मन्नु, कृष्णा केवट का विशेष सहयोग रहा। समिति के सदस्यों ने कहा कि इस वर्ष की तुलना में पिछले वर्ष भीड़ अधिक दिखा था।