छत्तीसगढ़

कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सिद्धखोल जल प्रपात दिखा पर्यटकों का हुजूम

(भानु प्रताप साहू)
बलौदाबाजार/कसडोल। कार्तिक पूर्णिमा का दिन काफी शुभ और पवित्र माना जाता है कर्तिक पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन कसडोल से लगे महानदी में आस पास के श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और भगवान शिव और विष्णु की पूजा अर्चना की। धार्मिक पुराणों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है और कहा जाता है कि आज के ही दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था जिसके बाद देवताओं ने खुश होकर दीपक जलाएं थे, कार्तिक पूर्णिमा का महत्व इस लिए भी बढ़ जाता है क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार मत्स्य यानी मछली के रूप में लिया था, कार्तिक पूर्णिमा के दिन आज पूरा कसडोल नगर भक्ति भाव में डूबा रहा, सुबह श्रद्धालुओं ने महानदी में पवित्र स्नान किया। जिसके बाद कसडोल से लगे दार्शनिक स्थल सिद्धखोल जल प्रपात में पिकनिक मनाई, कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिद्धखोल में हर साल मेले का आयोजन होता है और जहां दूर दूर से श्रद्धालु प्रकृति की गोद में बसे सिद्धखोल जल प्रपात की खूबसूरती का दीदार करने आते हैं, इस साल भी सिद्धखोल जल प्रपात में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कार्तिक पूर्णिमा में पहुँचे कुछ पर्यटकों द्वारा सिद्धखोल जल प्रपात में वाशरूम औऱ कई जगहों पर फैली गंदगी और कचरा डब्बा नही होने के कारण आपत्ति जताई, दुर-दूर से पहुंचे पर्यटक वन विभाग से यही सवाल कर रहे थे कि यहाँ विभाग द्वारा मिनी गार्डन भी बनाया जाना चाहिए जिससे जल प्रपात का मनोरम दृश्य देखने पहुंचे पर्यटकों का मनोरंजन हो सकें।

 

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