अनूपपुर

दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध करने की मांग

मामला पुलिस प्रताड़ना से आदिवासी द्वारा की गई आत्महत्या का

राजेश सिंह

मौजूदा समय में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अकसर सवाल उठ रहे है कहीं अपराधों में तेजी के साथ इजाफा हुआ है तो कहीं पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की प्रताड़ना से आम जनता परेषान है। विगत 11 दिसम्बर को कोतवाली अंतर्गत को पसला के रहने वाले एक आदिवासी ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इस घटना की जानकारी भाजपा नेताओं को लगते ही उनका दुःख, दर्द जानने के लिए पार्टी का एक दल पीड़ित परिवार के घर पहुॅचा। जहां पीड़ित परिवार की व्यथा सुनकर भाजपा नेताओं के भी होष उड़ गये कि इस तरह से कमलनाथ सरकार में अधिकारियों-कर्मचारियों के मनोबल बढ़े है कि गरीब आत्महत्या करने को विवष है इस पूरे मामले की शिकायत लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में अपर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपाकर मामले से जुड़े दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध करने की मांग की गई है।
अनूपपुर। जिला अंतर्गत मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पसला के वनबांधा मोहल्ला के निवासी बिसाहूलाल सिंह गोंड की पत्नी ने 4 दिसम्बर ,2019 को कोतवाली अनूपपुर आकर मृतक पति बिसाहूलाल सिंह के विरूद्ध आपसी झगड़े की सूचना दी थी, जिस पर कोतवाली अनूपपुर में धारा 155 द.प्र.सं. के अंतर्गत सूचना दर्ज कर प्रति सूचनाकर्ता को प्रदान किया था। उक्त रिपोर्ट पुलिस हस्ताक्षेप अयोग्य अपराध की इत्तला माना जाता है। लेकिन कोतवाली पुलिस ने इस मामले को कैश कराना चाहा और इसी इरादे से कोतवाली प्रभारी प्रफुल्ल राय के निर्देशन में प्रधान आरक्षक श्याम शुक्ला मृतक के घर जाकर उस पर 10 हजार रूपए देने का दबाव बनाने लगेगा, पैसा न देने की स्थिति में उसे जेल भेजने की धमकी दी गई।
क्या था मामला
विगत 4 दिसम्बर को परिवारिक विवाद को लेकर पति-पत्नि में तनाव बढ़ गया जिसके बाद मृतक बिसाहूलाल सिंह की पत्नी अपने पति के विरूद्ध शिकायत लेकर अनूपपुर कोतवाली पहुॅची जहां पर पत्नि की शिकायत पर बिसाहूलाल सिंह गोंड के खिलाफ धारा 155 के तहत् सूचना दर्ज कर ली गई। इसके बाद शुरू हुआ पुलिस का कारनामा।
की गई पैसे की मांग
दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोतवाली अनूपपुर में पदस्थ प्रधान आरक्षक श्‍याम शुक्ला ने दिनांक 11 दिसम्‍बर 2019 को मृतक बिसाहूलाल सिंह के घर पहुंचकर उसे गिरफतार करने या गिरफतारी से बचने के लिए 10 हजार रूपए दिए जाने की मांग की,लेकिन उस गरीब आदिवासी के पास इतना पैसा नहीं था और वह पुलिस की इस मांग को पूरा करने में असमर्थ था फिर भी उसने कुछ पैसो की व्यवस्था करने का विचार बनाया,लेकिन उतने में पुलिस अधिकारी को संतुष्टि नहीं थी।
धान बेचकर दिया पैसा
मृतक गरीब आदिवासी बिसाहूलाल पैसे के अभाव में घर का धान बेचकर अपने पुत्र शिवम सिंह गोंड़ के माध्यम से 300 रूपए प्रधान आरक्षक श्‍याम शुक्ला को दिया। 10 हजार रूपए मांग के विरूद्व 300 रूपए पाने पर श्‍याम शुक्ला ने शिवम सिंह का काॅलर पकड़कर खींचते हुए कहा अपने बाप को बुलाओ, नहीं तो तुमको ले जाकर बंद कर दूंगा।
भयभीत होकर लगा ली फांसी
श्याम शुक्ला की धमकी देने पर शिवम ने अपने पिता बिसाहूलाल को जाकर बताया जिससे भयभीत होकर बिसाहूलाल सिंह ने घर के पास जाकर आम के पेड़ में फांसी का फंदा लगाकर झूल गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी पुत्र शिवम सिंह ने प्रधान आरक्षक श्‍याम शुक्ला को बताया कि मेरे पिताजी पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिए। इस बात को सुनकर श्‍याम शुक्‍ला हेलमेट पहनकर अपने दो पहिया वाहन से भाग गया। इस तरह प्रधान आरक्षक के कदाचरण व धमकी से आहत होकर गरीब आदिवासी बिसाहूलाल सिंह ने आत्महत्या कर लिया।
दर्ज हो अपराधिक मामला
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक रामलाल रौतेल, प्रदेश कार्यकारिणीय सदस्य अनिल गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेष गौतम, प्रदेश मंत्री रामदास पुरी, जिला महामंत्री भूपेन्द्र सिंह सेंगर, मंडल अध्यक्ष सत्यनारायण सोनी, शिवरतन वर्मा, मुकेश पटेल, जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने अनूपपुर अपर कलेक्टर बी.डी. सिंह तथा पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा को इस मामले को लेकर ज्ञापन सौपते हुए एक सप्ताह के अंदर दोषी कोतवाली प्रभारी प्रफुल्ल राय तथा प्रधान आरक्षक श्याम शुक्ला विरूद्ध 306 का अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की है अन्यथा भाजपा इस मामले को लेकर जिला कलेक्‍ट्रेट का अनिश्चित कालीन घेराव करेगी।

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