संतोष चौरसिया
तो बैंक दलालों पर आखिर कौन मेहरबान..!
इंट्रो सीसीटीवी कैमरे पर फुटेज होने के बाद भी बैंक प्रबंधक मौन, आखिर कौन करेगा दलालों पर कार्यवाही,थाने से कई मामले दर्ज, कई रफा दफा
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा -कोयलांचल क्षेत्र मैं बैंक दलालों,सूदखोरों का बैंक खुलते ही जमावड़ा लग जाता है बैंक खुलने से लेकर बैंक बंद होने तक बैंक के इर्द गिर्द दलालों व सूदखोरों का व्यवसाय अच्छा खासा फल फूल रहा है भारतीय स्टेट बैंक कोतमा कॉलरी भालूमाडा़ में मकड़ी की जाल की तरह फैला बैक दलाली सूदखोर का खेल, सीधे-साधे गरीब अनपढ़ अशिक्षित बैंक के खाताधारी उपभोक्ताओं को अपने झांसे में लेकर ब्याज में पहले पैसे देकर मदद करने की दुहाई देते हैं और अपने आप को गरीबों का मददगार व फरिश्ता बताते हैं
चिन्हित बैंक दलालों पर मेहरबान प्रबंधक –
भारतीय स्टेट बैंक कोतमा कालरी भालूमाडा़ क्षेत्र बैंक खुलते ही बैंक दलालों और सूदखोरों का हुजूम बैंक पर लगे सीसीटीवी कैमरे पर प्रतिदिन देखा जा सकता है और आम उपभोक्ता इंदैन के दलालों सूदखोरों के कारण बैंक में काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ता है दलालों का काम बैंक पर बिना लाइन लगे ही फटाफट हो जाता है और आम उपभोक्ताओं खाताधारकों को कई घंटे लाइन लगकर अपना काम कराने के लिए इंतजार करना पड़ता ,गिनती के 20 चिन्हित व्यक्ति जो कोई ना कोई खाता धारक के साथ बैंक पर आकर बना रहता है और जैसे ही खाता धारक गरीब अनपढ़ अशिक्षित व्यक्ति इन बैंक दलाल व सूदखोरों के झांसे में आकर उनसे पैसे का लेन देन शुरू करता वैसे ही चक्र विधि ब्याज का खेल शुरू हो जाता है। बैंक दलालों व सूदखोरों द्वारा उपभोक्ता को दी गई रकम चंद महीनों या वर्षों में ब्याज पर बांटे गए पैसे तिगुनी चौगुनी पैसे की रकम वसूल की जाती है।
बैंक दलालों के पास एटीएम कार्ड खाता चेक गिरवी-
भालूमाडा़ आसपास क्षेत्रों में कुछ ऐसे बैंक दलाल का सूदखोर जो चंद वर्षों में गरीब अनपढ़ अशिक्षित खाताधारकों को ठगी कर उनकी जिंदगी भर की जमा पूजी हडप कर उन्हें कंगाल करके स्वयं करोड़पति धन्ना सेठ बन बैठे हैं ब्याज पर पैसे लेते ही खाताधारकों का खाता,एटीएम कार्ड ,चेक बुक सूदखोरों व बैंक दलालों के हाथों में गिरवी हो जाता है सूदखोर बैंक दलाल इतना चतुर चलाक व होशियार होते हैं कि पहले ही कोरे चेक पर हस्ताक्षर कराकर अपने पास अमानत के तौर पर गिरवी कर लिया जाता है
सूदखोरों की वजह से कई जिंदगी हो चुकी बर्बाद-
भालूमाडा़ क्षेत्र में बैंक दलाली व सूदखोरी का काम करने के लिए दूरदराज से आ कर अपने अपने ठिहे बना लिए गए है लोगों को ब्याज के कर्ज पर इतना डुबा दिया जाता है कि कर्ज़ पटाते पटाते कई पुस्ते गुजर जाती है लेकिन बैंक दलालों और सूदखोरों का पैसा कभी भी कम होने का नाम ही नही लेता, ब्याज पर ली गई रकम उपभोक्ताओं के देने के बाद भी वह रकम बढ़ती ही जाती है अंततः बैंक दलाल ,सूदखोरों द्वारा बैंकों से अच्छी खासी रकम लोन पर दिला कर कर्ज से मुक्ति की बात करते हैं ।
बैंकों से लोन दिलाने के नाम पर कालरी कर्मचारियों से ठगी-
भारतीय स्टेट बैंक में कोतमा कालरी यदि कोई खाताधारक लोन लेने के लिए जाता है उसे बैक अधिकारियों के इतने पेपाड झेलने पड़ते हैं वह थक कर बैंक के दलालों शरण में विवश होकर पहुंच जाता है ,जमुना क्षेत्र में अक्सर अपने कर्ज तले काँलरी कर्मचारियों को इतना दबा दिया जाता है मजबूर होकर काँलरी कर्मचारी बैंक से लोन लेने पर मजबूर हो जाता है लेकिन लोन दिलाने के नाम पर बैंक अधिकारियो को पैसे देने के नाम पर पहले ही 50 हजार रुपए उनसे ठगी कर ली जाती है ,बैंकों से लोन पास होते ही खाता धारक के खाते में जैसे लोन की भारी भरकम राशि चढ़ती है वैसे ही मगरमच्छ की तरह टकटकी लगाए हुए बैंक दलाल सूदखोर आनन-फानन में एटीएम कार्ड, चेक के माध्यम से उपभोक्ताओं के बिना जानकारी के ही पैसे निकाल कर डकार जाते है भारी भरकम रकम डकराने के बाद भी इनके चेहरे पर कानून नाम का डर नहीं दिखाई देता और बिना भयभीत हुए पुनः दूसरे काँलरी कर्मचारी खाताधारक को अपने जाल में फंसाने में जुट जाते हैं धीरे-धीरे उनका सब कुछ गिरवी हो जाता है। सब कुछ बर्बाद चारों ओर कर्जे का बोझ से जूझ रहा व्यक्ति अंत में उन्हें मौत को गले लगाने का रास्ता दिखाई देता है और मौत को गले लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर देते है लेकिन उसकी मौत के बाद भी उसके आने वाली पीढ़ी बैंक दलालों सूदखोर के कर्ज तले दबी रहती है और उनके ब्याज का पैसा भर्ती है।
बैंक दलालों व सूदखोरों थाने पर कई मामले दर्ज ,कई रफा-दफा –
विगत कुछ वर्षों में भालूमाडा़ एंव कोतमा थाना क्षेत्र पर सीधे-साधे अनपढ़ अशिक्षित कॉलरी कर्मचारियों को सूदखोर व बैंक दलालों ने कुछ बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी कर उनके खाते से फर्जीवाड़ा कर कई लाखों रुपए उनके खातों से निकाल लिए जब तक उन्हें इस बात का पता चलता बहुत लेट हो चुका होता है और उनकी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई उनके खाते से निकल चुकी होती है थाने पर शिकायत दर्ज कराने के अलावा हाथ में कुछ भी नहीं बचता, पीड़ित सुशीला भास्कर पति शिवेंद्र भास्कर उर्फ मिठ्ठी निवास सुंदर नगरी भालूमाडा़ से 4 लाख 50 हजार रुपए ,डोमारी कोल पिता वरनू कोल पूर्व सेवानिवृत कालरी कर्मचारी 6 लाख 50 हजार रूपये,कन्हैया प्रसाद बैगा पिता परसादी बैगा निवासी लहसुई कैम्प वार्ड 13 से 3 लाख 50 हजार रुपये,पी.एम. सिंह पिता बगधा निवासी मुरधवा पसान से 20 से 25 लाख इन बैंक दलाल व सूदखोरों ने कुछ बैंक के अधिकारियों की सांठगांठ से पैसे डकार गए कुछ लोगों के विरुद्ध थाने में मामला पंजीबद्ध हुए लेकिन आज भी सब वैसे ही बैंक दलाली और सूदखोरी का अवैध कारोबार का व्यवसाय चला रहे हैं पुलिस के बिना डर और भय के बैंक अधिकारी यह कहते हैं बैंक के आने-जाने में हम किसी को मना नहीं कर सकते।
कहना – मैं किसी को बैंक आने और जाने पर रोक नहीं लगा सकता बैंक के दलालों पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस विभाग बना है। सीसीटीवी कैमरे की मदद पुलिस चाहेगी तो मैं जरूर उपलब्ध कराऊंगा
कृष्ण चंद्र साहू
शाखा प्रबंधक कोतमा कालरी
भारतीय स्टेट बैंक।
कहना – थाने पर कई लोगों के विरुद्ध पैसे के लेनदेन धोखाधड़ी करने के मामले दर्ज हुए हैं और लगातार भारतीय स्टेट बैंक कोतमा कालरी में बैंक दलालों सूदखोरों का जमावड़ा होने की सूचना मिल रही जल्द ही छापामार करवाई निश्चित ही की जाएगी ।
रामनाथ आर्मो
थाना प्रभारी भालूमाडा़