अनूपपुर

बयान बाजी एवं फाइलों तक सिमट कर रह गई मजदूरों की मदद की बात

बयान बाजी एवं फाइलों तक सिमट कर रह गई मजदूरों की मदद की बात

सरकार की मदद को निहारते थक गए क्षेत्रवासी

बयान बाजी एवं फाइलों तक सिमट कर रह गई मजदूरों की मदद की बात
समर बहादुर सिंह
राजनगर lलाक डाउन दूसरे चरण को समाप्त होने में मात्र 2 दिन बचे हैं कि किंतु गरीबी रेखा के कार्ड धारियों की बात छोड़ दे तो गरीब मजदूरों के लिए शासन की कोई भीयोजना जमीन तक नहीं पहुंच  पाई हैं जिससे राज न राजनगर कोयलांचल की तीन बड़ी पंचायत  बन गवा ,डोला ,रवि नगर सहित आसपास के ग्रामीण अंचल के गरीब मजदूर शासन की योजनाओं को निहारते निहारते थक गए हैं और आज के समय में क्षेत्र के गरीब मजदूर ग्राम पंचायत भवन, शासकीय उचित मूल्य की दुकान क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, मीडिया प्रतिनिधियों से यह सवाल पूछ पूछ कर थक गए हैं कि हमारे हिस्से का अनाज कब आएगा और सभी लोग यही भरोसा दिलाते हैं की आ जाएगा किंतुआज के समय में यदि शासन के संबंध में यदि यह कहां जाए की हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और तो कोई गलत नहीं होगा क्योंकि शासन ने एवं प्रदेश के मुखिया ने तो गरीब मजदूरों के मदद के लिए बहुत सारी घोषणा की किंतु वह चरितार्थ नजर नहीं आ पा रही है केवल गरीबी रेखा कार्ड धारियों को ही राशन मिल पाया है और यदि आज के समय में स्वयंसेवी संस्थाएं एवं क्षेत्र के दानदाता नहीं होते तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कई मजदूरों के परिवार भूख के कारण दम तोड़ देते क्योंकि क्षेत्र के स्वयंसेवी संस्था नगर के दानदाताओं एवं कुछ युवाओं द्वारा लोगों अनाज एकत्रित कर गरीबों तक पहुंचाया जा रहा है जिससे लोगों का पेट भर पा रहा है किंतु अभी अभी अपनी अंतिम पड़ाव की ओर नजर आ रहा है और शासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति काफी देनी हो सकती है क्योंकि यह सफर काफी लंबा चलने वाला है
गौरतलब हो की ग्राम पंचायत बनगवां जिले की नहीं अपितु मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है वहीं इसके सीमावर्ती में ग्राम पंचायत डोला एवं रवि नगर के साथ-साथ आसपास की कई ग्राम पंचायतें हैं जहां कोयलांचल की तीनों पंचायतों में कालरी कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो 10% लेकर 20% तक लोग ही साधन संपन्न है बाकी सभी लोग किसी तरह से मजदूरी या छोटे-मोटे व्यापार कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं किंतु इनके तक आज तक कोई भी शासन की मदद नहीं पहुंच पाई है जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसी घोषणा की है कि मजदूरों को 25 वर्गों में बांटा गया है और इन मजदूरों को प्रति व्यक्ति 5kg अनाज देने को कहा गया है किंतु यह यह अनाज आज तक उनके तक नहीं पहुंचा जिससे लोगों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि कि क्या कोयलांचल के मजदूर शासन द्वारा बनाई गई मजदूरों की श्रेणी में नहीं आते या फिर जिला प्रशासन इन मजदूरों को लाभ दिलाना नहीं जा चाहता और यहां के मजदूरों की दिनचर्या पंचायत से लेकर उचित मूल्य की दुकानों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित मीडिया प्रतिनिधियों से पूछने में बीत जाता है कि हमारे हिस्से का अनाज कब आएगा जो जिला प्रशासन के ऊपर एक सोचनीय प्रश्न खड़ा करता है आखिर क्या कारण है कि अनूपपुर जिले के मजदूरों को प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है वही कुछ दिन पूर्व शहडोल संभाग के आयुक्त द्वारा जिले के वासियों को अपनी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बात कही गई थी जिसके लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जन जन तक पहुंचाने की बात कही गई थी किंतु आज दिनांक तक ऐसी कोई भी चीज क्षेत्र में नहीं पहुंच पाई है जिसकाकाढ़ा बनाकर क्षेत्र के व्यक्ति एवं गरीब मजदूर अपनी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकें जिस पर जिला प्रशासन को त्वरित ध्यान देना होगा जिससे यहां के गरीब मजदूरों की समस्याओं का समाधान हो सके एवं इस महामारी में उनके समक्ष कम से कम भरण पोषण की समस्या तो ना उत्पन्न हो

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