हिंदुस्तान पावर में सोशल डिस्टेंसिंग के बीच सपन्न हुआ पर्यावरण सप्ताह समारोह
जीवन के अस्तित्व के लिए जैव विविधता की रक्षा जरूरी: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी

रिपोर्टर@देवानंद विश्वकर्मा
अनूपपुर। जीवन का अस्तित्व बचाए रखने के लिए जैव विविधता की रक्षा अनिवार्य है।
कार्बन उत्सर्जन में कटौती जैसे प्रयासों में पर्यावरण संतुलन का मंत्र छुपा है। हमें खुशी है कि हिंदुस्तान पावर ने पर्यावरण संरक्षण प्रणालियों को अपनाने में गंभीरता दिखाई है।” कंपनी परिसर में पर्यावरण सप्ताह के समापन पर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल, के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने मुख्य अतिथि की हैसियत से यह कहा। उन्होंने कहा कि प्रगति और पर्यावरण का संतुलन विकास का पहला मानक है। कंपनी के सीओओ एवं प्लांट हेड बसंत कुमार मिश्रा ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण मानव सभ्यता के स्वस्थ विकास की पहली शर्त है। हमारे विकास चिंतन में पर्यावरण को सर्वोच्च प्राथमिकता हासिल है। इसका सबूत यह है कि हम अपनी मीटिंग की शुरूआत पर्यावरण से ही करते हैं।” आपरेशन एंड मेनटेनेंस हेड अजित चोपड़े ने दुनिया भर में पैदा हुईं पारिस्थतकीय चुनौतियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इंसान प्रकृति को नाराज करके अपना अस्तित्व नहीं बचा सकता है। 2 जून से 8 जून तक आयोजित पर्यावरण सप्ताह के दौरान ऑनलाइन क्विज, पेंटिंग, सस्लोगन लेखन और संभाषण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिनमें कंपनी कर्मियों, अनुबंधित कंपनियों के कर्मचारियों, कंपनी टाउनशिप की महिलाओं और बच्चों ने उत्साहित भागीदारी निभायी। पर्यावरण सप्ताह कोरोना सुरक्षा और सतकता प्रयासों के साथ संपन्न हुआ। प्रबंधन के वरिष्ठ सदस्य भास्कर शुक्ला आरके खटाना, संतोष दुबे, रवींद्र दुबे, महेंद्र यादव, संजय झा आदि ने विजेताओं को उपहार देकर पुरस्कृत किया। कंपनी के पर्यावरण विभाग के प्रबंधक डा. भोला प्रसाद कशवाहा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए ईएचएस विभाग के प्रयासों पर रोशनी डाली। इस मौके पर संयंत्र परिसर में पौधारोपण किया गया। कंपनी के सेफ्टी हेड एमएम शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए प्रेरित करते हुए कार्यक्रम के भागीदारों के प्रति आभार प्रकट किया। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाले ऐसे कार्यक्रम का उद्देश्य है पर्यावरण संरक्षण के प्रति वैश्विक चेतना बढ़ाना। इस साल विश्व पर्यारण दिवस का थीम था जैव विविधता।




