अनूपपुर

गिरफ्तारी के बाद 420 के आरोपी को जैतहरी पुलिस ने छोड़ा

मामला फर्जी तरीके से की गई जमीन खरीद-फरोख्त का

राजेश सिंह

इसकी टोपी उसके सर की तर्ज पर जैतहरी नगर के अंदर फर्जी तरीके से लाखों रुपए की जमीन खरीद-फरोख्त का मामला उजागर होने के बाद आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज किया जिसमें एक आरोपी को पुलिस ने भागते हुए गिरफ्तार भी किया, लेकिन चंद घंटों बाद किस आधार पर पुलिस ने आरोपी को छोड़ दिया यह जांच का विषय बनता है कि आखिर किस दबाव में आकर पुलिस ने जालसाजो के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो गई।
अनूपपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जहां एक ओर प्रदेश के अंदर भू माफियाओं के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है। तो वही ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन भू-माफियाओं को संरक्षण देने का प्रयास कर रही है कई महीनों से जैतहरी नगर के अंदर फर्जी तरीके से की गई जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में पहले तो मामला पंजीबद्ध करने में हीला हवाली की जाती रही और जब मीडिया के द्वारा लगातार मामले को उजागर किया गया तो आरोपियों के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर लिया गया लेकिन अब उनकी गिरफ्तारी को लेकर चोर पुलिस का खेल खेला जा रहा है यहां तक कि पूरे मामले के मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने के बाद भी चंद घंटों के बाद छोड़ दिया गया।
न्यायालय परिसर के बाहर किया गिरफ्तार
फर्जी तरीके से जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में आरोपी नंदलाल सोनी तथा उसके साथियों के विरुद्ध 420 तथा अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है जिसकी जमानत के चक्कर में नंदलाल सोनी 25 जनवरी 2020 को अनूपपुर न्यायालय परिसर के बाहर घूम रहा था जिसे जैतहरी पुलिस ने भागते हुए दौड़ाकर पकड़ा और थाना ले जाकर लगभग 8 घंटे तक हिरासत में रखा लेकिन आरोपी को पुलिस ने छोड़ दिया।
खारिज हुई जमानत याचिका
आरोपियों द्वारा 29 जनवरी 2020 को अनूपपुर न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई गई थी लेकिन माननीय न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी फिर भी आज तक मामले के सभी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी आखिर पुलिस किसके दबाव में इन आरोपियों को संरक्षण दे रही है आपने आप में बड़ा सवाल है।
क्या था मामला
एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी इसी तर्ज पर लाखों रुपए के टैक्स की चोरी करते हुए बिना रजिस्ट्रार कार्यालय के पंजीयन और अनुमति के अपनी सरकार चलाते हुए केवल 10 रुपए के स्टाम्प पेपर में शहर के अंदर लाखों रुपए की कीमत की जमीन और मकान की खरीद बिक्री कर ली और असली भू-स्वामी आज भी दर दर की ठोकरें खाता फिर रहा है नगर पंचायत जैतहरी के वार्ड क्रमांक-03 में स्थित खसरा नं. 337ध्1 ख पर निर्मित दुकान व भवन तथा खाली भूमि का नामांतरण फर्जी तरीके से इसकी टोपी, उसके सर की तर्ज पर जालसाजी के तहत् 10 रूपए के स्टाम्प में जमीन की लाखों रूपए में बिक्री कर दी।
सरकारी खजाने को लगाया चूना
जमीन खरीद बिक्री मामले में सरकार के खजाने को भी लाभ पहुंचता है साथी जमीन क्रेता तभी उस भूमि का मालिक कहलाता है जब वह सरकारी नियमों का पालन करते हुए रजिस्ट्रार कार्यालय के माध्यम से कोई जमीन की खरीदी की हो,लेकिन यहां पर सरकारी दफ्तर को दरकिनार करते हुए फर्जी तरीके से जमीन की खरीद बिक्री हो जाती है और भूमाफिया उसका लाभ भी लेने लगता है जालसाजो ने जैतहरी नगर के रहने वाले विष्णु कुमार जैन की जमीन वार्ड क्रमांक-03 स्थित खसरा नं.-337/1 ख पर निर्मित भवन व खाली भूमि की बिक्री संजीव चंदेल द्वारा नंदलाल सोनी को बिक्री कर दिया गया। इसके बदले लाखों रूपए का सौदा इस जमीन का संजीव चंदेल ने करके ले लिया और उक्त भवन और जमीन को 10 रूपए के स्टाम्प में फर्जी तरीके से नंदलाल सोनी को बिक्री कर दिया। वहीं इस पूरे खरीद-परोख्त का कोई भी रिकार्ड रजिस्टार कार्यालय में दर्ज नहीं कराया गया।
तैयार किया फर्जी दस्तावेज
नगर पंचायत जैतहरी में राजस्व विभाग का काम देखने वाले दीनबंधु सोनी ने भाई के प्रति वफादारी करते हुए जमीन के दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार करवाने में अपनी अहम भूमिका निभायीं और नंदलाल सोनी के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए दिनांक 20.10.2010 एवं 21.12.2010 के अनुसार फर्जी तरीके से नस्तिक संधारित कर नामांतरण की कार्यवाही प्रस्तावित की गई। इस पूरे मामले में मुख्य नगरपालिका अधिकारी का आदेश भी अंकित किया गया। कुल मिलाकर नंदलाल सोनी के बड़े भाई दीनबंधु सोनी ने इस जमीन को दिलाने के लिए अपने पदो का दुरूपयोग किया और इस जलसाजी में पूरी भूमिका अदा की।
इन पर दर्ज है मामला
फर्जी तरीके से जमीन की की गई खरीद बिक्री के मामले में थाना जैतहरी पुलिस ने 23 जनवरी 2020 करे आरोपी संजीव चंदेल नंदलाल सोनी तथा उनके भाई दीनबंधु सोनी एवं पूर्व सीएमओ उमाशंकर गौतम के विरुद्ध धारा 420,467,468,471,120बी का मामला दर्ज किया है।
घूम रहे हैं आरोपी
जालसाज की पूरी टोली  खुलेआम घूम रही है और पुलिस प्रशासन उन्हें पूरा संरक्षण देख कर रखी है ऐसी स्थिति में भू माफियाओं के हौसले बुलंद होना लाजिमी है थाना प्रभारी जैतहरी हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहे हैं जबकि हकीकत कोसों दूर है 25 जनवरी 2020 को जब आरोपी को गिरफ्तार किया गया तो ऐसा कोई भी आदेश हाईकोर्ट का जारी नहीं हुआ था इतना ही नहीं 29 जनवरी 2020 को माननीय न्यायालय अनूपपुर में भी जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है कुल मिलाकर इस मामले में पुलिस प्रशासन गुमराह कर रहा है और आरोपियों को संरक्षण देने का प्रयास कर रही है।
इनका कहना है
हाई कोर्ट के आदेश पर हमारे द्वारा आरोपी को छोड़ा गया है।
कमल ठाकुर
थाना प्रभारी, जैतहरी

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