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*खबर का हुआ असर* *भ्रष्टाचार में लिप्त जनार्दन सिंह का हुआ स्थानांतरण* *ग्रेजुएटी का हुआ तत्काल भुगतान*

*खबर का हुआ असर*
*भ्रष्टाचार में लिप्त जनार्दन सिंह का हुआ स्थानांतरण*
*ग्रेजुएटी का हुआ तत्काल भुगतान*
*पीड़ित जनों ने महाप्रबंधक व मीडिया का किया आभार*
संतोष चौरसिया
जमुना कोतमा कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र के उप छेत्र बरतराई खदान मे इन दिनों कालरी से सेवानिवृत्त हो रहे कालरी कर्मचारियों को मिलने वाला बीएफ ग्रेजुएटी का भुगतान दिलाए जाने के नाम पर व्यापक पैमाने पर उनसे ब्लैक मेलिंग कर लाखों की वसूली की जा रही है जिसे की प्रमुखता से मीडिया में प्रकाशित किया गया और उसे गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र के लोकप्रिय महाप्रबंधक सुधीर कुमार ने पनिशमेंट के तौर पर वहां पर पदस्थ लिपिक जनार्दन सिंह का स्थानांतरण रीजनल वर्कशॉप में कर दिया है और साथ ही मृतक कालरी कर्मचारी उमेश प्रताप सिंह के परिजनों को ग्रेजुएटी भुगतान का आदेश भी दे दिया है पीड़ित जनों ने मीडिया और क्षेत्र के लोकप्रिय महाप्रबंधक का हृदय से आभार व्यक्त किया है ऐसा ही जिन मामलों की शिकायत महाप्रबंधक के पास हुई थी और इसे मीडिया में प्रकाशित किया था गया था उसमें पहला मामला आमाडाड़ बरतराई उप क्षेत्र का सामने आया है जिसमें की वहां पर पदस्थ लिपिक जनार्दन सिंह द्वारा पीएफ की राशि दिलाए जाने की एवज में ₹1 लाख ले लिया और ग्रेजुएटी के भुगतान दिलाए जाने के लिए डेढ़ लाख रुपए की मांग किया जा रहा था कि साहब एचएन ठाकुर कार्मिक प्रबंधक को देना है जिसकी शिकायत खुद पीड़ित कर्मचारी रामाधार शर्मा ने महाप्रबंधक सुधीर कुमार से करके उचित कार्यवाही की मांग की थी जिसमें पीड़ित सेवानिवृत्त कालरी कर्मचारी रामाधार शर्मा पिता कौशल शर्मा ने बताया कि वह बरतराई खदान से 31 अगस्त 2020 मे सेवानिवृत्त हुआ और जब रिटायरमेंट हेतु फार्म भरवाने गया तो जनार्दन सिंह लिपिक द्वारा मुझे बताया गया कि आपको 38 लाख ही पीएफ मिलेगा ₹5 लाख आपका लफड़े में है जिसे लेनदेन के लिए आपको ₹1 लाख हमारे पास जमा करने होंगे तब आपको कुल तिरालिस लाख रुपया मिलेगा तब मेरे द्वारा उनके पास ₹1 लाख जमा किया गया यह पैसा मैंने दो किस्तों में ₹5 हजार पीएफ राशि आने के पूर्व तथा दूसरी किस्त ₹5 हजार पीएफ राशि आने के बाद दिया
रामाधार शर्मा ने बताया कि रिटायरमेंट के कुछ समय बाद जनार्दन सिंह द्वारा फोन करके कहा गया कि आपके बैंक पासबुक में रामाधार शर्मा है उसमें केवल रामाधार करवाइए शर्मा हटा दीजिए मैंने ऐसा सुधार करवा कर उनको छाया प्रति लेकर जनार्दन सिंह के पास गया तब उनके द्वारा कहा गया कि अभी लाक डाउन है ना कंपनी की डाक जा रही है और ना ही कंपनी का चपरासी डाक लेकर जा रहा है या तो आप गाड़ी लेकर बिलासपुर के पीएफ ऑफिस में जमा करके आइए अन्यथा ₹10 हजार दीजिए गाड़ी करके जाना पड़ेगा तथा वहां जमा करने के लिए बाबू को कुछ देना पड़ेगा तब मैंने कहा कि अभी मेरे पास नहीं है मैं पहले ही आपको पैसा दे चुका हूं तथा नोड्यूज जमा करने के उपरांत मैं जनार्दन सिंह से पुनः निवेदन किया तो उन्होंने कहा कि आपके ग्रेजुएटी में इनकम टैक्स कटेगा जिससे आपको मात्र ₹14 लाख ही मिलेगी यदि आप डेढ़ लाख रुपए देते हैं तो मैं उप कार्मिक प्रबंधक एचएन ठाकुर को दूंगा तो तुम्हारा टैक्स नहीं कटेगा क्योंकि तुम देख ही रहे हो कि मैं ही रिटायरमेंट कर्मचारियों के भुगतान से संबंधित सारे कार्य देखता हूं तथा उप कार्मिक प्रबंधक एचएन ठाकुर से मेरा सीधा संपर्क है तथा मेरे द्वारा ही उनको पैसा वसूल कर दिया जाता है तब आप लोगों का भुगतान इतना जल्दी और आसानी से हो जाता है और जो नहीं देता वह सालों तक घूमते रहते हैं मेरा पिछला रिकॉर्ड पता कर लो

तब परेशान होकर रामाधार शर्मा ने डेढ़ लाख रुपए की व्यवस्था कर उप क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पहुंचा ही था तो पता चला कि क्षेत्र के महाप्रबंधक सुधीर कुमार महोदय जो अभी-अभी हमारे एरिया में आए हैं वह उप क्षेत्रीय प्रबंधक आमाडाड़ कार्यालय में मौजूद हैं तो मैं बाहर ही खड़ा था तथा श्रीमान जी के जाने के पश्चात पता चला कि मुख्य महाप्रबंधक द्वारा जनार्दन सिंह एवं उप कार्मिक प्रबंधक एचएन ठाकुर को उनके द्वारा रिटायरमेंट कर्मचारियों के साथ किए जा रहे छल एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी फटकार लगाई है एवं अपना काम इमानदारी से करने की नसीहत दी गई है तब जाकर मेरा साहस बढ़ा कि मेरे हक में पूरा पैसा मिलेगा और मैंने डेढ़ लाख रुपए जनार्दन सिंह को नहीं दिया कुछ समय पश्चात मेरा ग्रेजुएटी का पूरा पैसा 20 लाख रुपए मेरे खाते में आ गया बिना किसी टैक्स कटौती के तब मुझे एहसास हुआ कि जो मुझसे ₹1 लाख लिए गए हैं वह छल पूर्वक लिया गया था तब मैं जनार्दन सिंह से मिला और कहा कि मेरा ग्रेजुएटी का पूरा पैसा कैसे आ गया तथा मैंने यह भी कहा कि मेरा छुट्टी का पैसा भुगतान कराई उन्होंने कहा कि वह डेढ़ लाख रुपए उप कार्मिक प्रबंधक ठाकुर साहब मांग रहे हैं मैंने अपना ₹1 लाख वापस करने की अपील की तो उन्होंने कहा कि वह पैसा मेरे पास नहीं है मैंने वह पैसा ठाकुर साहब को दिया है वह बिलासपुर पहुंचाए हैं आपकी मेरी शिकायत करनी है तो करिए मेरा कुछ नहीं होगा इससे पहले भी मेरी शिकायतें मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में की जा चुकी हैं पता कर लो मेरा कुछ नहीं हुआ क्योंकि मैं ठाकुर साहब को पैसा देता हूं और मुझे हर शिकायत से बचाते हैं ज्ञात हो कि उक्त लिपिक की शिकायत पूर्व में भी की गई थी लेकिन उस संबंध में क्या हुआ उसका पता आज तक नहीं चल पाया है
*तेरसिया केवट को पता नहीं और भुगतान हेतु भेज दिया दस्तावेज* जिसमें की तेरसिया केवट के नाम से कालरी में सेवानिवृत्त हुए कालरी कर्मचारी के समस्त भुगतान हेतु दस्तावेज लगाकर भेज दिए गए जबकि उक्त कालरी कर्मचारी की पत्नी सिरसिया केवट कोई संबंध में पता ही नहीं है यह गहन जांच का विषय है कि बिना दस्तावेज की जांच परख किए भुगतान हेतु कैसे भेज दिया गया
ज्ञात हो कि तेरसिया केवट पत्नी जियालाल पिता शिवमंगल निवासी वार्ड क्रमांक 10 दैखल पयारी ने दिनांक 6 नवंबर 2020 को आमाडाड़ वरतराई के उप क्षेत्रीय प्रबंधक ओ पी दुबे के पास शिकायत पत्र लेकर पहुंची की उसके पति के भविष्य निधि ग्रेजुएटी एवं पेंशन का आधा पैसा उसे दिलाया जाए तेरसिया केवट ने बताया कि वह जियालाल भूतपूर्व कर्मचारी की ब्याहता पत्नी है और उसके पति जियालाल दिनांक 31 अक्टूबर 2020 को अपने कार्य से सेवा मुक्त हो गए हैं और उनके पेंशन के दस्तावेज में मेरे फोटो के स्थान पर अपने अवैध पत्नी का फोटो चश्मा करके कंपनी के साथ धोखाधड़ी एवं जालसाजी किया जा रहा है जबकि कंपनी के समस्त दस्तावेजों में मुझ प्रार्थीया का नाम दर्ज है एवं मैं ही जियालाल की वैध पत्नी हूं और मेरे 3 पुत्र एवं एक पुत्री भी हैं जो जियालाल की संतान हैं
पीड़िता तेरसिया केवट ने उपक्षेत्रीय प्रबंधक से मांग किया है कि उसके साथ न्याय करते हुए उसके एवं संतानों को उसके पिता के देय राशि में से आधा दिलाए जाने की कृपा की जाए एवं मुझे प्रार्थीया के नाम से पेंशन का फार्म पुनः भरवा कर भेजने की दया किया जाए
ज्ञात हो कि जिस तेरसिया केवट का दस्तावेज तैयार करते समय आधार कार्ड लगाया गया था उसमें फोटो स्पष्ट तौर पर दिख रहा है हां यह जरूर है कि दोनों ही आधार कार्ड में तेरसिया केवट पतिजियालाल केवट ही लिखा है लेकिन दोनों का फोटो अलग है आधार नंबर अलग है जन्मतिथि अलग है तो फिर किस आधार पर और किस लालच में लिपिक के द्वारा बढ़ाया गया और क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक द्वारा प्रमाणित किया गया उक्त मामले मे खुद की कलम फसती देख उप क्ष प्रबंधक कार्मिक ने दिनांक 12 नवंबर 2020 को पत्र क्रमांक एसईसीएल ज/को उ/क्षे/ प्र/आभूउक्षे 2020 /891 क्षेत्रीय आयुक्त कोयला खान भविष्य निधि कार्यालय सीपत रोड बिलासपुर को पत्र लिखा कि जियालाल आत्माज श्री शिवमंगल सीएमपीएफ नंबर जेबीपी/ 8/85 आमाडाड़ यू जी क्षेत्र से 31 अक्टूबर 2020 को सेवा मुक्त हो गए हैं उनकी पत्नी श्रीमती तेरसिया केवट पति श्री जियालाल द्वारा इस कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसकी जांच प्रक्रिया प्रारंभ है शिकायतकर्ता तेरसिया बाई एवं प्रस्ताव के साथ भेजे गए तेरसिया बाई के आधार नंबर भिन्न-भिन्न है जो कि संदेह आत्मक हैं और यह प्रतीत होता है कि इनके दो पत्नी हैं और दोनों का नाम तेरसिया बाई है प्रस्तुत आवेदन पत्र की छाया प्रति दोनों तेरसिया बाई का आधार कार्ड की छायाप्रति पत्र के साथ संलग्न कर आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा जा रहा है अब सवाल यह उठता है कि जब दस्तावेज आपके पास उपलब्ध हैं तो वहां पत्र लिखने का क्या मतलब है यह भी गहन जांच का विषय है
*सेवानिवृत्त कालरी कर्मचारी सरोधन सिंह पीएफ पेंशन भुगतान के लिए परेशान*
पीड़ित सेवानिवृत्त कालरी कर्मचारी सरोधन सिंह पिता सुखीराम भूतपूर्व सपोर्ट पर्सनल कर्मचारी ने सब एरिया मैनेजर आमाडाड़ भूमिगत क्षेत्र को पत्र लिखकर मांग किया है कि उसके पीएफ पेंशन का भुगतान कराया जाए सरोधन सिंह ने बताया कि वह दिनांक 30 सितंबर 2020 को सेवानिवृत्त हो गया था प्रबंधन द्वारा पत्र के संबंध में उसने कहा कि उसका सही नाम सरो धन सिंह आत्मज सुखीराम व सीएमपीएफ खाता क्रमांक जेबीपी/ 8/168 है जो मेरा ही नाम है सरोधन सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी का वास्तविक नाम तेरासा बाई है जिसका घरेलू नाम पार्वती भी था क्योंकि मैं अशिक्षित हूं जिससे मेरे द्वारा नाम पूछे जाने पर मैंने घरेलू एवं वास्तविक दोनों नाम बताया अब वहां पदस्थ लिपिक जनार्दन सिंह के द्वारा किन दस्तावेजों में क्या लिखा गया मुझे जानकारी नहीं है सरवन सिंह ने उपक्षेत्रीय प्रबंधक से बताया कि मेरी पत्नी तेरासा बाई पार्वती जिसकी मृत्यु हो चुकी है मृत्यु प्रमाण पत्र आप के कार्यालय में जमा किया गया है आपसे निवेदन है कि मुझे पीएफ पेंशन भुगतान कराए जाने का कष्ट किया जाए अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि जो व्यक्ति सितंबर माह में सेवानिवृत्त हो चुका है तो आज 3 माह बीत जाने के बाद भी उसका भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है और उसे क्यों परेशान किया जा रहा है इसके पीछे वहां के पर्सनल विभाग की क्या मंशा है यह किसी से छुपा नहीं है देखना यह है कि सरोधन सिंह का भुगतान कब तक होता है या फिर रामाधार शर्मा व तेरसिया केवट की तरह यह भी जांच ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा यह तो आने वाला समय बताएगा क्षेत्र के कालरी कर्मचारियों ने क्षेत्र के नवागत ईमानदार लोकप्रिय महाप्रबंधक सुधीर कुमार से मांग किया है कि यहां पर चल रहे घपले बाजी की जांच कर दोषी बाबू और अधिकारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही किया जाए ताकि भविष्य में होने वाली कठिनाई से सेवानिवृत्त कालरी कर्मचारियों को बचाया जा सके
*उमेश प्रताप सिंह के परिजन ग्रेजुएटी राशि भुगतान के लिए परेशान*
इन्हें नजराना ना मिलने के कारण फार्म एफ जमा होते हुए भी ग्रेजुएटी भुगतान के लिए सहायक श्रम आयुक्त शहडोल के लिए भेजा जा रहा है ज्ञात हो कि आमाडाड़ खदान में श्री उमेश प्रताप सिंह आत्मज श्री मकरध्वज जिनका दिनांक 11 जुलाई 2020 को मृत्यु हो गई थी जिनके ग्रेजुएटी भुगतान के लिए उनका पुत्र परेशान हैं अब सवाल यह उठता है कि जब फार्म ऐप जमा था तो मृतक कॉलरी कर्मचारी के परिजन को नियमानुसार ग्रेजुएटी का भुगतान क्यों नहीं किया गया उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है यह सब गहन जांच का विषय है क्षेत्र के पीड़ित लोगों ने महाप्रबंधक और मीडिया का धन्यवाद देते हुए कहा है कि वहां पर पदस्थ अधिकारी जिनकी भूमिका संदिग्ध है के खिलाफ भी कार्यवाही किया जाए

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